Singapore: मानहानि के एक मामले में सिंगापुर हाईकोर्ट ने पूर्व पीएम ली सेन लुंग के भाई ली सेन यांग को भारतीय मूल के मंत्रियों को हर्जाने का भुगतान करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने यांग को दोनों मंत्रियों को दो लाख सिंगापुर डॉलर देने का आदेश सुनाया है. दरअसल, यांग ने सिंगापुर के सरकारी आवास के किराए को लेकर भारतीय मूल के दोनों मंत्रियों के षणमुगम और विवियन बालकृष्णन पर आरोप लगाए थे, जिसके खिलाफ दोनों मंत्रियों ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
मंत्रियों पर ली सेन यांग ने लगाए थे ये आरोप
बीते साल 23 जुलाई को ली सेन यांग ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट साझा किया था. इस पोस्ट में यांग ने दावा किया कि रिडआउट रोड पर स्थित सरकारी आवासों के आवंटन में सिंगापुर लैंड अथॉरिटी ने भ्रष्टाचार किया और मंत्रियों के षणमुगम और विवियन बालकृष्णन को प्राथमिकता के आधार पर सरकारी बंगले आवंटित किए गए. षणमुगम, जो कानून और गृह मामलों के मंत्री हैं, और विदेश मामलों के मंत्री बालाकृष्णन का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता दविंदर सिंह ने किया था और इस महीने की शुरुआत में एक सुनवाई में संक्षेप में अपना पक्ष रखा था. यांग ने अपने भाई और पूर्व पीएम ली सेन लुंग की सरकार पर भी आरोप लगाए और दावा किया कि सरकार नेतृत्व देने में विफल रही है.
द पीपल्स एक्शन पार्टी पर भी यांग ने निशाना साधा. द पीपल्स एक्शन पार्टी यांग के पिता दिवंगत ली कुआन येव ने बनाई थी और सिंगापुर की आजादी के बाद से इसी पार्टी ने शासन किया है. भारतीय मूल के दोनों मंत्रियों के बंगलों के आवंटन की सिंगापुर की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसियों द्वारा भी जांच की गई और जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ था. ली सेन यांग सिंगापुर में नहीं रहते हैं और कोर्ट की सुनवाई के दौरान वे अदालत में पेश भी नहीं हुए.