इस्लामाबादः पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में लोग बिजली बिलों पर लगाए गए ‘अन्यायपूर्ण’ टैक्स का जमकर विरोध कर रहे हैं. लोग सड़कों पर उतर गए हैं. कश्मीरियों ने शाहबाज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आक्रोश में पाकिस्तानी फौज पर जमकर पथराव किए. लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी, फिर भी हलात सामान्य नहीं हुए.
मुजफ्फराबाद में हड़ताल, बंद रहे व्यवसाय
पुलिस कार्रवाई के विरोध में शनिवार को पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में हड़ताल किया गया. इस दौरान व्यवसाय बंद रहे और सामान्य जन-जीवन प्रभावित रहा. सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए टकराव में एक पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी की मौत हो गई.
हिंसक झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत, 90 घायल
पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन और शटडाउन हड़ताल के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक, मीरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कामरान अली के उप-निरीक्षक अदनान कुरेशी की इस्लामगढ़ शहर में सीने में गोली लगने से मौत हो गई, वह मुजफ्फराबाद के लिए एक रैली को रोकने के लिए अन्य पुलिस कर्मियों के साथ तैनात थे.
इन शहरों में हुआ विरोध प्रदर्शन
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर शुक्रवार को मुजफ्फराबाद में शटर-डाउन और व्हील-जाम हड़ताल आयोजित किया गया. इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों में लोग प्रभावित हुए. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव के बाद मस्जिदों पर भी पथराव किया गया. पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए.
जाने क्या है मामला?
जेकेजेएसी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया गया. दरअसल, समिति ने पिछले महीने घोषणा की थी कि राज्य भर के लोग 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च करेंगे.
इस बीच, यह सामने आया है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग के सचिव को पत्र लिखकर 11 मई की हड़ताल के कारण सुरक्षा के लिए 6 नागरिक सशस्त्र बल (सीएएफ) प्लाटून की मांग की थी. इसको देखते हुए सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी और 10 व 11 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की थी. हालांकि, पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए.