जम्मू-कश्मीरः पिछले सप्ताह श्रीनगर शहर के बेमिना क्षेत्र में एक पुलिसकर्मी पर किए गए आतंकी हमला में शामिल तीन हाइब्रिड आतंकवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है. मालूम हो कि 9 दिसंबर को घर लौटते समय कॉन्स्टेबल मोहम्मद हफीज पर आतंकियों ने हमला कर घायल कर दिया था. घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी फरार हो गए थे.
इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए डीजीपी आरआर स्वैन ने बताया कि साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अर्जुमंद उर्फ हमजा बुरहान ने रची थी, जो हमले को अंजाम देने के लिए स्थानीय आतंकी मास्टरमाइंड दानिश अहमद मल्ला के संपर्क में था.
आरआर स्वैन ने कहा, “हमले में शामिल हाइब्रिड आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कांस्टेबल मोहम्मद हफीज की हालत अभी स्थिर है. हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वह स्वस्थ होकर जल्द सेवा पर लौट आएंगे. हत्यारों ने 6 गोलियां चलाई थीं. हाइब्रिड आतंकवादी वे आतंकी होते हैं, जो हमले को अंजाम देकर फिर वापस नियमित जीवन में लौट जाते हैं.”
कई दिनों तक करते रहे रैकी
डीजीपी ने कहा कि दानिश मल्ला पुलिसकर्मी के ही इलाके में रहता है. उसने दो हाइब्रिड आतंकवादी इम्तियाज खांडे और मेहनान खान को अपने साथ साजिश में शामिल किया. आतंकी पिस्तौल हासिल करने में कामयाब रहे और हमले को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक पुलिसकर्मी की रैकी करते रहे.
पिस्तौल और 57 कारतूस बरामद
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेहनान खान से हमले में इस्तेमाल की गई पिस्तौल बरामद कर ली गई है. जबकि, मल्ला के पास से 57 पिस्तौल की कारतूस बरामद की गईं. पूछताछ के दौरान आतंकवादियों ने खुलासा किया कि उनके पास निशाना बनाए जाने वाले लोगों की टारगेट लिस्ट थी. आतंकियों की रडार पर पुलिसकर्मी और कुछ गैर-पुलिसकर्मी थे.
डीजीपी से यह पूछे जाने पर कि क्या गिरफ्तार लोगों का इंस्पेक्टर मसरूर वानी की हत्या में कोई हाथ था, डीजीपी ने कहा कि मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा, “वह (मामला) अभी भी जांच के दायरे में है, एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली है. मुझे लगता है कि समय से पहले कनेक्शन जोड़ना शुरू करना अनुचित होगा.”
तुर्किये पिस्टल कैनिक टीपी9 का किया गया था इस्तेमाल
डीजीपी ने कहा कि हमले को अंजाम देने में तुर्किये पिस्टल कैनिक टीपी9 का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि कैनिक टीपी9 एक उच्च गुणवत्ता वाली पिस्तौल है और इसका वजन हल्का होता है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के पास से कैनिक टीपी9 बरामद किया गया है. उन्होंने कहा कि हम एक पैटर्न और एक प्रवृत्ति देख रहे हैं. छोटे हथियारों की इस श्रेणी को पाकिस्तान से हमारी सीमा में ड्रोन के माध्यम से और कई अन्य माध्यमों से तस्करी कर जम्मू-कश्मीर में लाया जा रहा है.