Supreme Court: दुष्कर्म मामले में सेहत के आधार पर सजा निलंबित करने की मांग वाली स्वयंभू बाबा आसाराम बापू की याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के अस्पताल में उपचार कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का रुख करने को कहा है.
आसाराम की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वह सरकारी वकील के इस बयान को स्वीकार करने को तैयार हैं कि वह महाराष्ट्र के खोपोली में माधवबाग हार्ट हॉस्पिटल में पुलिस हिरासत में उपचार करा सकते हैं. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने राहत के लिए उसे राजस्थान उच्च न्यायालय जाने को कहा.
पीठ ने आसाराम से कहा कि वह माधवबाग हार्ट हॉस्पिटल में अपने उपचार के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दाखिल करें और इस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा. न्यायमूर्ति खन्ना ने मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी अपील की सुनवाई में देरी करने के लिए आसाराम की ओर से जानबूझकर किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया.
जाने क्या है मामला?
मालूम हो कि 2018 में स्वयंभू बाबा को जोधपुर की विशेष POCSO कोर्ट ने दुष्कर्म सहित विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था. उसे बची हुई जिंदगी के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी. आश्रम में एक किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में इंदौर में गिरफ्तार किए जाने और फिर जोधपुर लाए जाने के बाद वह 2 सितंबर 2013 से हिरासत में है. किशोरी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 की रात आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया.