लखनऊः तीसरे दिन सोमवार को भी ट्रांसपोर्ट नगर हादसे में इमारत का मलबा हटाने का काम जारी है. दोपहर में जांच टीमें मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया. वहीं, इसी इलाके में लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम ने एक और बिल्डिंग को सील कर दिया है. इसमें दरार आने की सूचना है. इस हादसे में अब तक जहां 8 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई गंभीर घायलों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है.
इस दुर्घटना के पीछे इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है. इसलिए वह बहुत कम समय में जर्जर हो गया. इमारत के ढहने का यही मुख्य कारण है. कमाई के चक्कर में अनदेखी की गई. ये दावे पुलिस की ओर से दर्ज कराए गए एफआईआर में किए गए हैं.
ट्रांसपोर्टनगर चौकी इंचार्ज महेश कुमार सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, राकेश सिंघल ने किराए पर उठाने के लिए बिल्डिंग बनवाई थी. जानबूझकर निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया. पता था कि ऐसी स्थिति में कभी भी ये बिल्डिंग धराशाी हो सकती है, फिर भी कमाई के चक्कर में उसको किराए पर दिया गया. इसका परिणाम यह हुआ कि आठ लोगों अपनी जान गंवानी पड़ी और 28 लोग घायल हो गए.
शिकायत पर भी मालिक ने नहीं करवाई मरम्मत
एफआईआर के अनुसार, पुलिस की तफ्तीश में यह सामने आया है कि वहां काम करने वालों को पता चल गया था कि बिल्डिंग जर्जर हो रही है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसलिए उन्होंने इस बारे में बिल्डिंग मालिक को जानकारी दी थी. ये भी कहा था कि इसकी मरम्मत करवा दी जाए, जिससे भविष्य में किसी तरह का कोई खतरा न रहे, लेकिन मालिक ने मरम्मत नहीं कराई.
ये आरोप है कि बिल्डिंग मालिक ने किराएदारों को बरगलाया. उनकी जान जोखिम में डाली. लोगों ने बिल्डिंग मालिक पर भरोसा कर किराए पर ले ली थी. एफआईआर में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया पता चलता है कि निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई थी. बाकी इसकी पुष्टि जांच में होगी. उस जांच रिपोर्ट को पुलिस अपनी विवेचना में भी शामिल करेगी.