UP: पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर ED का शिकंजा, घोटाले की जांच शुरु

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

लखनऊः बरेली की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर ईडी का शिकंजा सका है. बरेली के नवाबगंज नगर पालिका परिषद में सपा सरकार के दौरान हुए 10.41 करोड़ रुपये के घोटाले में पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू की है. शासन के निर्देश पर वर्ष 2021 में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पहले जांच की थी और गड़बड़ी पकड़ी थी.

सूत्रों की माने तो ईडी ने ईओडब्ल्यू के केस को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की है. ईडी जल्द पूर्व अध्यक्ष को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है.

इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
आरंभिक जांच में ईओडब्ल्यू ने दोषी पाए जाने पर पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर के अलावा पांच तत्कालीन अधिशासी अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. लगभग चार वर्ष पूर्व इस मामले की शिकायत शासन से की गई थी. शासन ने आर्थिक अनियमितता के गंभीर आरोपों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी.

यह भी था आरोप
यह भी आरोप था कि पूर्व अध्यक्ष ने बिना अधिशासी अधिकारी की अनुमति के 47.31 लाख रुपये निकाल लिए थे. लगभग तीन वर्ष तक चली जांच वर्ष 2012 से 2017 के बीच 10.41 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता सामने आई थी. बाद में शहला ताहिर को पद से हटा दिया गया था.

ये था मामला
मालूम हो कि 20 मार्च को उप निरीक्षक सत्यपाल गौंड ने इओ, डब्लू के लखनऊ थाने में गबन और धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें नगर पालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर, परिषद में तैनात रहे पूर्व अधिशासी अधिकारी हीरा लाल प्रजापति, हरि लाल, नरेंद्र जौहरी, राजेश कुमार सक्सेना, विजय कुमार सहित पालिका परिषद में तैनात बड़े बाबू सुरेश पाल, लिपिक रघुवर सिंह यादव, लिपिक कैलाशचंद यादव, सफाई प्रभारी अमर सिंह, परिषद के सेवानिवृत कर्मी रवींद्र कुमार शुक्ला और नगर पालिका के ठेकेदार मोहम्मद अफजाल, मोहम्मद आरिफ, सलीम हैदर, वकील खां के साथ ही नगर पालिका परिषद के बड़े बाबू सुरेश पाल के ठेका कर्मी पुत्र शिवकुमार को आरोपित बनाया गया था. आरोप था कि आरोपितों ने 10.41 करोड़ रुपए का गबन और धोखाधड़ी की है. शहला ताहिर पर जांच की जानकारी के बाद से नगर पालिका परिषद में चर्चाएं शुरू हो गई है.

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