लखनऊः यूपी में कई नदियां उफान पर है. नदियों के जलस्तर में तेजी और कमी के साथ ही प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में भी उतार-चढ़ाव जारी है. गर्रा और खन्नौत नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है. शाहजहांपुर में बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.
बरेली में बहगुल नदी के जलस्तर में वृद्ध होने से कई गांव प्रभावित हैं. दो बच्चों सहित तीन लोगों की नदी में डूबने से मौत हो गई. पीलीभीत में भी डूबने से एक व्यक्ति की मौत हुई है. जिले में दो दिन से बाढ़ थमी है. उत्तराखंड के धारचूला में बादल फटने से पहाड़ी नदियां उफान पर है. वाराणसी बैराज से पानी छोड़ा गया तो पीलीभीत में शारदा नदी दोबारा उफान पर आ सकती है.
बाढ़ से कई गांवों का आवागमन प्रभावित
बदायूं के दातागंज में रामगंगा का पानी आने से शाहजहांपुर-लखनऊ रूट बाधित हो गया है. फर्रुखाबाद में भी रामगंगा लाल निशान के करीब पहुंच गई है. अमैयापुर में बाढ़ से कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है. प्रयागराज, वाराणसी मीरजापुर, कानपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.
बाढ़ के पानी से घिरे हैं 188 गांव
शाहजहांपुर में बरेली मोड़ पर पानी कम होने के बाद दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर वाहनों का आवागमन शुरु हो गया है. फर्रुखाबाद रोड पर जलभराव से रोडवेज बसों का संचालन बाधित है. गोरखपुर-बस्ती मंडल में अधिकांश नदियां उफान पर हैं. सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती, राप्ती, कूड़ा, घोघी नदी के साथ ही पहाड़ी नाला तेलार खतरे के निशान के ऊपर है. 188 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही राप्ती नदी
शनिवार को संतकबीर नगर में राप्ती नदी खतरे का निशान पार कर गई. संतकबीर नगर के साथ ही देवरिया में भी सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आजमगढ़, मऊ और बलिया में शनिवार को सरयू के जलस्तर में कुछ कमी हुई, लेकिन अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी, मीरजापुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ और कटान के खतरे के मद्देनजर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जौनपुर में बीते 24 घंटे में गोमती के जलस्तर में 8 फीट की वृद्धि दर्ज की गई है.
श्रावस्ती में नेपाल के पहाड़ों पर बरसात थमने से तराई में राप्ती नदी के तेवर ढीले पड़ गए हैं. इससे तटवर्ती गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है. बहराइच में चार दिनों से घाघरा का जलस्तर में घटाव हो रहा है. लखीमपुर में शारदा नदी के बाढ़ का पानी अभी भी दर्जनों गांवों में भरा है. गोंडा में सरयू व घाघरा नदी का जलस्तर घट गया है. अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है.
बलरामपुर में राप्ती नदी के जलस्तर वृद्धि शुरू हो गई है. गैंसड़ी में स्थित पहाड़ी नालों में उफान आ गया है. उधर, पहाड़ी नाला नकटी व कटहा में उफान आने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनपुर और पुरुषोत्तमपुर के पास सड़क के ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है.
बाढ़ से प्रभावित है 10 लाख से अधिक आबादी
राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में इस समय कुल 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति है. इनमें सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, सीतापुर, गोंडा और अयोध्या शामिल हैं. करीब साढ़े 10 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. 66 तहसीलों के कुल 1273 गांवों में लोग बाढ़ की दुश्वारियां झेल रहे हैं.