उत्तराखंड हादसे ने छीन ली फतेहपुर के अशोक की जिंदगी, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

फतेहपुरः उत्तराखंड के चमोली में हुआ हादसा आठ परिवारों को ताउम्र न भरने वाला जख्म दे गया. इसमें यूपी के फतेहपुर का अशोक भी शामिल था. जिसके जीवन की नाव डूबने पर पत्नी के साथ ही मां, भाई और बहन गम के समंदर में डूब गए है. ये सभी आंखों से नीर बहाते हुए इस दुर्घटना के लिए ऊपर वाले की दुहाई देते हुए कह रहे है कि अशोक को होली पर घर आना था, लेकिन ऊपर वाले ने उसे उसके पैरों से नहीं. चार कंधों पर घर भेजा.

11 महीना पहले चमोली काम करने गया था अशोक
फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के घनघौल गांव निवासी 23 वर्षीय अशोक पासवान 11 महीना पहले खंभापुर निवासी अपने साढ़ू के बेटे अंकित के साथ चमोली में काम करने गया था. बीते दिनों उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप में भीषण हिमस्खलन हो गया था. इस हादसे में आठ मजदूरों की मौत हो गई थी. इसमें अशोक भी शामिल था.

शव घर पहुंचते ही बहने लगी आंसुओं की धार
मौत की सूचना आते ही घर में कोहराम मच गया. अशोक का शव लाने के लिए मृतक के बहनोई महेंद्र उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए थे. सोमवार की देर रात अशोक का शव घर पर लाया गया. शव आते ही परिवार में कोहराम मच गया. पत्नी सहित माता-पिता और भाई-बहन शवों से लिपटकर बिलखने लगे. उन्हें सांत्वना देने वालों की आंखें भी छलक पड़ी. मंगलवार को शव का अंतिम संस्कार किया गया.

अशोक ने होली पर घर आने का किया था वादा
मृतक अशोक के पिता दयाराम ने बिलखते हुए बताया कि उनका बेटा खंभापुर निवासी अपने साढ़ू के बेटे अंकित के साथ चमोली में काम करने गया था. अंकित ने शिवरात्रि पर घर लौटने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अशोक ने होली पर आने की बात कहकर उसे भेज दिया था. पूरा परिवार होली पर अशोक के घर आने का इंतजार कर रहा था, लेकिन इससे पहले ही मेरे लाल के मौत की खबर मिली. अगर वह भी शिवरात्रि पर अंकित के साथ आ जाता, तो शायद वह इस हादसे का शिकार न होता और हम लोगों के बीच रहता.

मासूम बच्चे को सीने से लगा बिलख रही अशोक की पत्नी
अशोक की मौत से परिवार के लोगों की आंखों से आंसुओं की धार बह रही है. लोगों की सांत्वना भी इस धार को नहीं रोक पा रही है. पत्नी प्रियंका रोते-रोते कभी पूरी तरह से शांत हो जा रही है, तो कभी सिर से पिता का साया उठने वाले अपने छह माह के बच्चे अंश को कलेजे से लगाकर दहाड़े मारकर रोने लग रही है और बिलखते हुए पति से साथ छूटने को लेकर ऊपर वाले की दुहाई दे रही है. पति की मौत के गम में बिलख रही पत्नी को सांत्वना देने वालों की आंखों से भी आंसू बहने लग रहे है. कुछ इसी तरह की हालत मृतक अशोक की मां रामकली, भाई शिव सेवक और शानू तथा बहन सुषमा का भी है. चेहरे पर गम की गहरी लकीरों के बीच इनकी आंखों से आंसू बह रहे हैं.

(रिपोर्ट, यश द्विवेदी)

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