उत्तराखंड: बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ के पास माणा गांव में हिमस्खलन की घटना हुई थी. सीमा सड़क संगठन (BRO) के शिविर पर हुए हिमस्खलन में लापता चार मजदूरों को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों, थर्मल इमेजिंग कैमरों और हेलीकॉप्टरों की मदद ली गई. रविवार को जारी बचाव अभियान के दौरान तीन मजदूरों के शव बरामद हुए.
मृतक मजदूरों की संख्या हुई सात
गोपेश्वर में स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, माणा हिमस्खलन स्थल से तीन शव बरामद हुए हैं, जबकि एक अन्य लापता मजदूर की तलाश की जा रही है. तीन शव बरामद होने के साथ ही हादसे में मरने वाले मजूदरों की संख्या सात हो गई है.
शुक्रवार को हुए हादसे के बाद घटनास्थल से बाहर निकाले गए 50 मजदूरों में से 4 की मौत की पुष्टि शनिवार को हुई थी. रविवार को बरामद मृतकों के शवों को हेलीकॉप्टर से ज्योतिर्मठ लाया गया. सभी शवों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ज्योतिर्मठ में पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
मृतक मजदूरों ये लोग हैं शामिल
हिमस्खल में जिन मजदूरों के शव बरामद हुए हैं, उनकी पहचान उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर निवासी अनिल कुमार (21 वर्ष), उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के अशोक (28) और हिमाचल प्रदेश के ऊना के हरमेश चंद (30 वर्ष) के रूप में हुई है. एक अन्य लापता की तलाश जारी है, जिसका नाम अरविंद (43) बताया जा रहा है. अरविंद देहरादून क्लेमेनटाउन क्षेत्र का रहने वाला है.
बर्फ में फंस गए थे 54 मजदूर
मालूम हो कि भारत-चीन सीमा पर करीब 3,200 मीटर की उंचाई पर स्थित आखिरी गांव माणा में हिमस्खलन होने से बीआरओ शिविर में आठ कंटेनरों में रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे. फंसे मजदूरों की संख्या पहले 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई.