बागपतः पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ एक बार फिर चर्चाओं में है. इसकी वजह यह है कि पूर्व राष्ट्रपति के स्वजन के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को कोताना गांव में नीलाम किया जाएगा. पूर्व राष्ट्रपति का ननिहाल ही नहीं, बल्कि ददिहाल भी कोताना गांव रहा है.
प्रशासन का कहना है कि शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज लगभग दो हेक्टेयर भूमि कोताना के नुरू की थी, जो 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. इसी भूमि को जल्द नीलाम किया जाएगा.
कोताना के ग्रामीणों ने बताया कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का ददिहाल और ननिहाल कोताना गांव में ही है. उनकी मां का नाम बेगम जरीन और पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था. शादी के बाद वर्ष 1943 में दोनों परिवार गांव से चले गए थे. परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. हालांकि, परवेज मुशर्रफ गांव में कभी नहीं आए. देश के बंटवारे के दौरान उनका परिवार 1947 में पाकिस्तान जाकर बस गया था.