Vastu Tips For Bathroom: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि जिस घर में वास्तु के नियमों का पालन होता है, वहां कभी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है और हमेशा सुख-शांति बरकरार रहती है. घर में खाना बनाने वाली जगह यानी किचन से लेकर नहान घर यानी बाथरूम तक हर जगह वास्तु के नियमों का पालन किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बाथरूम से जुड़े कुछ ऐसे वास्तु के नियम बताने जा रहे हैं, जिसे यदि आप जानें-अनजाने में भी करते हैं तो आपके घर में वास्तु दोष लगेगा और आपको विभिन्न तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. आइए जानते हैं, वास्तु के इन नियमों के बारे में…
किस दिशा में होना चाहिए बाथरूम
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. वास्तु के अनुसार बाथरूम कभी भी दक्षिण, दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं बनवाना चाहिए और ना ही किचन के सामने या उसके बगल में नहीं होना चाहिए. बाथरूम ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां पर्याप्त रोशनी आती हो. अगर बाथरूम में हमेशा अंधेरा रहता है तो ये आपके जीवन में नकारात्मकता का कारण बन सकता है. जिसके चलते परिवार में हमेशा कलह की स्थिति उत्पन्न होगी.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में कभी भी खाली बाल्टी न रखें, क्योंकि खाली बाल्टी घर में दुर्भाग्य का कारण बन सकती है. इसलिए हमेशा बाल्टी को पानी से भरकर रखना चाहिए.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी बाथरूम के दरवाजे के सामने शीशा नहीं लगाना चाहिए और ना ही बाथरूम के अंदर टूटे शीशे को लगाना चाहिए. ऐसा करने से घर में वास्तु दोष लगता है. आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम का नल यदि लीक कर रहा है तो उसे तुरंत ठीक करा दें, क्योंकि इससे पारिवारिक कलह बढ़ती है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी बाथरूम में टूटी हुई चप्पलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसी चप्पलें घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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