Geeta Ka Gyan: श्रीमद्भागवत गीता में उन उपदेशों का वर्णन किया गया है जो भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को दिया था. गीता में दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन में सही मार्ग प्रशस्त करते है. कहा जाता है कि जो लोग भी गीता की बातों का अनुसरण करते है उनका जीवन बदल जाता है और व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है. तो आइए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता के उन अनमोल मंत्रों के बारे में जो जिन्हें यदि आप फॉलों करते है तो आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मलेगी.
गीता के अनमोल मंत्र
- कहा जाता है कि गीता में जीवन का सार छिपा है. गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए मन पर संयम रखना बेहद जरूरी है. काम करते समय अपने मन को हमेशा शांत और स्थिर रखना चाहिए. क्रोध बुद्धि का नाश करता है और इसके कारण बने बनाए काम भी बिगड़ जाते हैं. इसलिए मन को सदैव शांत रखने का प्रयास करें.
- श्रीमद्भागवत गीता के मुताबिक, हमें फल की इच्छा किए बिना किसी भी कर्म को करना चाहिए. यदि आप किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो सिर्फ और सिर्फ अपने कर्मों पर ही केंद्रित करें. मन में कोई भी अन्य विचार आपको आपके लक्ष्य से भटका सकता है.
- गीता में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को कभी भी अपने कर्मों पर संदेह नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति खुद का सर्वनाश कर बैठता है. इसलिए सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो जो भी कार्य करें उसे पूरे विश्वास के साथ बिना किसी संदेह के पूरा करें.
- गीता के अनुसार, मनुष्य को किसी भी वस्तु के प्रति अत्यधिक लगाव नहीं रखना चाहिए. यह लगाव ही मनुष्य के दुखों और असफलता का कारण बनता है. अत्यधिक लगाव से व्यक्ति में क्रोध और दुख का भाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण वह अपने कर्म पर केंद्रित नहीं कर पाता है. इसलिए मनुष्य को किसी भी चीज के प्रति अत्यधिक लगाव से बचना चाहिए.
- श्री कृष्ण कहते है कि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले अपने भीतर छिपे भय को खत्म करना होगा. इसी सीख को देते हुए श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि हे अर्जुन तुम निडर होकर युद्ध करो. यदि युद्ध में तुम मारे गए तो स्वर्ग मिलेगा और अगर जीत गए तो धरती पर राज मिलेगा. इसलिए अपने मन से भय को समाप्त कर दो.
,