Sarvapitri Amavasya: सर्वपितृ अमावस्या यानी अश्विन माह की अमावस्या के दिन पितरों की विदाई हो जाती है और वे पुनः मृत्यु लोक को चले जाते हैं. इस दिन पितरों की विदाई की जाती है. इसलिए इस तिथि को हम पितृ विसर्जन के नाम से भी जानते हैं. आज यानी 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं आज कैसे करें पितरों की विदाई?
काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें पितृ विसर्जन के दिन पितरों की विदाई सच्चे दिल और खुशी मन से करना चाहिए. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और हमारे घर पितृदोष नहीं लगता है. लेकिन यदि हम इस दिन पितरों की विदाई करते वक्त कुछ गलतियां कर बैठते हैं तो पितर नाराज होकर हमारे घर से विदा लेते हैं, जिससे हमारे घर पर पितृदोष लगता है और पूरे वर्ष हमें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कौन सी वो गलतियां हैं, जिसे पितरों की विदाई के दौरान नहीं करना चाहिए.
सर्वपितृ अमावस्या पर ऐसे करें पितरों की विदाई
काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य के अनुसार हिंदू धर्म में सर्वपितृ अमावस्या यानी पितृ विसर्जन का बहुत महत्व है. इस दिन इज्जत सत्कार के साथ पूरे विधि-विधान से पितरों की विदाई करनी चाहिए.
पितृ विसर्जन के दिन अवश्य करें ये काम
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें.
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे तांबे के पात्र में जल रखकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं.
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन गौधूली बेला में गाय को भोजन कराएं और हरा चारा खिलाएं.
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान कर दान करने से पितृ लोग प्रसन्न होते हैं.
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पूर्वजों के नाम पर 5 जगह अलग-अलग भोजन निकालें और उसे खुले स्थान पर रख दें.
- सर्वपितृ अमावस्या के घर पर ब्राम्हण को बुलाकर भोजन कराएं और उन्हें इज्जत सत्कार के साथ उन्हें इच्छानुसार दान-दक्षिणा दें.
पितृ विसर्जन के दिन भूलकर भी ना करें ये गलती
पितृ विसर्जन के दिन पितर विदाई लेने हमारे घर किसी भी वेश में आ सकते हैं. ऐसे में इस दिन अगर आपके दरवाजे पर कुछ मांगने आ जाए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं और न ही उसका अपमान करें. पितृ विसर्जन के दिन घर पर काम करने वाले नौकर-चाकर का अपमान न करें और न तो इस दिन किसी जानवर को मारें. इस दिन भूलवश भी किसी बड़े का तिरस्कार ना करें. ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं और हमारे घर में पितृदोष लगता है, जिसके चलते पूरे साल हमें परेशान होना पड़ता है.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)