UPSC CSE 2023: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है, वह यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा, 2023 की प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर 03 जुलाई को सुनवाई करेगा. 17 सिविल सेवा अभ्यर्थियों द्वारा यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2023 को रद्द करने और प्रारंभिक परीक्षा और सामान्य अध्ययन पेपर 1 और 2 को फिर से आयोजित करने की मांग को लेकर दायर याचिका छुट्टियों से पहले जस्टिस मनोज जैन (Justice Manoj Jain) की बेंच के पास सुनवाई के लिए आई.
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याचिका में 12 जून को प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित करने वाले UPSC द्वारा जारी प्रेस नोट को भी चुनौती दी गई है और आयोग को तत्काल प्रभाव से उत्तर कुंजी प्रकाशित करने का निर्देश देने की मांग की गई. याचिका को न्यायाधीश ने 3 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान UPSC की ओर से पेश वकील नरेश कौशिक ने याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति जताते हुए कहा, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण इस मामले की सुनवाई के लिए सक्षम मंच है. वकील राजीव कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता पूरे भर्ती चक्र के संचालन में आयोग की “मनमानी” से व्यथित थे.
छात्रों को उनके द्वारा दी गई परीक्षा की उत्तर कुंजी प्रदान नहीं करना, इसके लिए एक विशेष समय विंडो प्रदान किए जाने के बावजूद उम्मीदवारों के अभ्यावेदन पर विचार नहीं करना और ऐसे प्रश्न पूछना, जो असमान रूप से अस्पष्ट हैं, उम्मीदवारों की उत्तर देने की क्षमता का परीक्षण कर रहे हैं, केवल अनुमान के आधार पर, यह न केवल मनमाना है, बल्कि निष्पक्षता, तर्क और तर्कसंगतता के सभी सिद्धांतों की अवहेलना करता है.
याचिका में कहा गया है कि करीब सभी राज्य लोक सेवा आयोग और दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा, आईआईटी, एनएलयू और आईआईएम के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट जैसे अन्य प्राधिकरण परीक्षा के आयोजन के एक सप्ताह के अंदर अनंतिम उत्तर कुंजी जारी करते हैं और आपत्तियां आमंत्रित करते हैं. इसके बाद वे आपत्तियों के आधार पर अपनी अंतरिम उत्तर कुंजी को संशोधित करके अंतिम उत्तर कुंजी जारी करते हैं.