Bihar Political Crisis: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार की सियासत में उथल-पुथल मचा दी है. बिहार की सियासत को लेकर दिल्ली में भी हलचल तेज है. माना जा रहा है कि अब से कुछ देर में महागठबंधन टूट सकता है. बताया जा रहा है कि राजद अपना समर्थन वापस ले सकती है और राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा कर सकती है.
लालू दे सकते हैं नीतीश को झटका
बिहार में सियासी पारा पूरी तरह गर्म है. इस बीच तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि आसानी से तख्तापलट नहीं होने दिया जाएगा. राजद और जदयू के बीच चल रही इस सियासय से बीजेपी खेमे में उत्साह है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो सकते हैं और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. इस बीच खबर से भी आ रही है कि लालू यादव की आरजेडी नीतीश कुमार को बड़ा झटका दे सकती है. इसके लिए RJD ने पूरा प्लान भी तैयार कर लिया है. बताया जा रहा है राजद राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा कर सकती है.
बता दें कि राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है. मीडिया में ऐसी खबरें सामने आ रही है कि आरजेडी, JDU के कुछ विधायकों से संपर्क में हैं. जिन्हें लालू यादव अपने खेमे में ला सकते हैं. अगर आरजेडी अपने इस प्लान में सफल होती है तो नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव राज्यपाल के पास अपनी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
समझें पूरा नंबर गेम
गौरतलब है कि महागठबंधन के पास हैं कुल 114 विधायक है. जिनमें राजद के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक शामिल हैं. इसके अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के भी 1 विधायक का समर्थन महागठबंधन को है. जबकि, अगर नीतीश कुमार एनडीए में जाते हैं तो उनके पास कुल 128 विधायक हो जाएंगे. इसमें बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, HAM के 4 और विधायक हैं. लेकिन अगर लालू यादव जदयू के विधायकों को तोड़ने की कोशिश करते हैं तो राजद बिहार में सरकार बना सकती है. हालांकि ऐसा कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा.
जेडीयू विधायकों से ये वादा कर सकते हैं लालू
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, जेडीयू के 16 विधायक लालू यादव के संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान इन विधायकों से इस्तीफा दिलाया जा सकता है. क्योंकि, बिहार में अगले 1 साल में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चुनाव होने वाले हैं. ऐेसे में राजद इन 6 विधायकों में से कुछ को राज्यसभा, कुछ को लोकसभा का टिकट देने, कुछ को एमएलसी बनाने तो कुछ को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट देने का वादा कर सकती है.
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