रायबरेलीः भाजपा को कांग्रेस की परंपरागत लोकसभा सीट रायबरेली पर इस बार भी मुंह के बल खानी पड़ी. कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट से राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं, जिनके खिलाफ भाजपा ने राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था. मंगलवार को हो रही मतगणना में आए रुझानों के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली है.
सोशल मीडिया पर दिनेश प्रताप सिंह ने लिखा, कर्तव्य पथ जो मिला… मैंने रायबरेली की देवतुल्य जनता की विनम्रता के साथ खूब परिश्रम करके सेवा की फिर भी मुझसे अपनी सेवाओं के दौरान मन वचन कर्म से कोई त्रुटि रह गई हो या किसी को पीड़ा पहुंची हो तो हम रायबरेली वासियों से क्षमा प्रार्थी है.
अपने उन तमाम शुभ चिंतकों, पार्टी जनों का हृदय से धन्यवाद देता हूं जिन्होंने अथक परिश्रम किया चुनाव खूब अच्छा लड़ा, लेकिन निर्णय हमारे आपके हाथ में नहीं था. जनता भगवान का स्वरूप होती है उसका जो भी आदेश होगा सदैव सिर माथे पर रहेगा. रायबरेली वासियों फिर भी भरोसा रखो यह रायबरेली का आपके परिवार का भाई सदैव तुम्हारे हर सुख दुख में साथ ही रहेगा.
डेढ़ लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे राहुल
मालूम हो कि अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी रुझानों में 164249 वोटों से आगे चल रहे हैं. पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था. हालांकि, इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और बेटे राहुल गांधी को मैदान में उतारा है.
रायबरेली रही है कांग्रेस का गढ़
रायबरेली लोकसभा इतिहास से ही कांग्रेस का गढ़ रही है. यहां सोनिया गांधी ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की थी. अब तक हुए चुनाव में केवल तीन मौकों पर ही कांग्रेस हारी हैं.