Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज असम के लखीमपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. साथ ही चीन के मुद्दे पर भी अपना बयान दिया. आइए जानते हैं चुनावी जनसभा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
दरअसल, आज 9 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के लखीमपुर में एक जन सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन का हमला हुआ तो लड़ने की जगह वायु प्रवचन में जवाहर लाल नेहरू ने असम को बाय-बाय कह दिया था. उन्होंने असम को छोड़ दिया था. आज असम की जनता यह भूल नहीं सकती है.
#WATCH | Lakhimpur, Assam: Union Home Minister Amit Shah says, “…People of Assam will never forget how Jawaharlal Nehru said ‘bye-bye’ to Assam during the Chinese aggression. Under PM Modi’s govt, China couldn’t encroach even one inch of our land…Assam and Arunachal Pradesh… pic.twitter.com/Vb4IcMH4Cp
— ANI (@ANI) April 9, 2024
एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता चीन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि, “परिवर्तन क्या है, नरेंद्र मोदी की सरकार है. नरेंद्र मोदी ने इस प्रकार का शासन दिया कि चीन हमारी एक इंच भूमि पर भी कब्जा नहीं कर सकता है. पूरा अरुणाचल प्रदेश और असम 1962 को भूल नहीं सकता है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1962 में चीन के हमले के दौरान असम और अरुणाचल प्रदेश को ‘बाय-बाय’ कह दिया था. डोकलाम में नरेंद्र मोदी के समय में थोड़ी हिम्मत की गई और 45 दिन तक रोक कर रखा और पीएम नरेंद्र मोदी ने वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया.”
राहुल गांधी पर साधा निशाना
असम पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको 19 अप्रैल को तय करना होगा कि आपका सांसद कौन होगा, कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी और अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. आपके सामने दो विकल्प हैं एक तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में INDI गठबंधन है और दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा है.
राम मंदिर को लेकर कही ये बात
अमित शाह ने यहां राम मंदिर का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में असम देश के अन्य राज्यों की तरह एक विकसित राज्य बन जाएगा. कांग्रेस ने सालों तक राम मंदिर मुद्दे को लटकाए रखा. लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल में फैसला हुआ और भूमि पूजन के साथ 22 जनवरी को ‘प्राणप्रतिष्ठा’भी हो गई.”