Mayawati Birthday News: आज 15 जनवरी को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन है. सुबह से बसपा समेत तमाम पार्टियों के नेता उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम बसपा चीफ मायावती को फोन किया है. इस दौरान दोनों नेताओं में बातचीत भी हुई. वहीं, मायावती ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है.
सीएम योगी ने मायावती को की फोन
दरअसल, आज बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का 68वां जन्मदिन है. मीडिया में ऐसी खबर सामने आ रही है कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मायावती को फोन करके जन्मदिवस की बधाई दी. इस दौरान सीएम योगी ने मायावती से कुशलक्षेम पूछा. सीएम योगी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर भी बसपा चीफ मायावती को बधाई दी. उन्होंने लिखा ‘बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! ईश्वर से आपके लिए उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना है.’
सीएम योगी के फोन के बाद बढ़ी हलचल
आपको बता दें कि बीएसपी चीफ मायावती अपने जन्मदिन पर लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकने की तैयारी में है. मायावती का दफ्तर भी नीले रंग के झंडों और तमाम बधाई के पोस्टरों और होर्डिंग से सराबोर है. इधर कांग्रेस नेताओं ने मायावती से उनके जन्मदिन के दिन मिलने का समय मांगा है. अभी तक ऐसे कयास लगाए जा रहे थे, कि वे इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. लेकिन सीएम योगी के फोन के बाद से एक बार फिर यूपी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
लोकसभा चुनाव को लेकर किया ऐलान
इधर बसपा चीफ मायावती ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मैं सन्यास नहीं लेने वाली हूं. मुझे कई पार्टियों से गठबंधन करने को कहा जा रहा है. लेकिन बीएसपी अकेले लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. वहीं, इस दौरान मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी हमला बोला. मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहेें. वहीं, राम मंदिर में जाने को लेकर कहा कि मुझे प्राण प्रतिष्ठा में जाने का निमंत्रण मिला, अभी प्राण प्रतिष्ठा में जाने का निर्णय नहीं लिया है.
यूपी में सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं मायावती
गौरतलब है कि मायावती उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े दलित चेहरे के रूप में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय की राजनीति करती आई हैं. हालांकि, 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उभार के साथ ही वह राजनीति में हाशिए पर चली गईं. SC-ST समुदाय का एक बड़ा तबका अब भी मायावती को वोट करता है. बीच में ऐसी खबरें सामने आ रही थी कि मायावती विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में शामिल हो सकती हैं. लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि आम चुनाव में वह फिलहाल न तो भाजपा के साथ हैं और न ही विपक्षी गठबंधन. वो लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेंगी.
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