MP Assembly Election 2023: चुनाव आयोग के रडार पर कपड़ा व्यापारी, गोली की तरह रखना होगा 1-1 मीटर का हिसाब

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए न सिर्फ सख्त है, बल्कि ताबड़तोड़ कार्रवाई भी कर रहा है. इसी क्रम में दमोह जिले में बीते दो दिनों से अधिकारी पुलिस की टीम सेल टैक्स और जीएसटी की टीमें साड़ी और कम्बल की दुकानों पर छापेमार कार्यवाही कर रही हैं. इन छापों से कपड़े व्यापारियों में खलबली मच गई है.

दरअसल, जिस तरह शस्त्रों की दुकानों पर कारतूस के सापेक्ष खोखे समेत दूसरे डाटा भी रखने पड़ते हैं. ऐसा न करने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया जाता है. साथ ही कार्रवाई भी की जाती है. ठीक वैसे ही एमपी में अब साड़ी और कम्बल के दुकानदारों को 1-1 मीटर कपड़े का हिसाब देना होगा.

जानिए क्या बोले कलेक्टर
बता दें कि प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद से आयोग के निशाने पर कपड़े के व्यवसायी हैं. इसके तहत दमोह जिले में बीते दो दिनों से जांच की जा रही है. पहले लोगों को लगा कि ये टीम टैक्स चोरी की जांच कर रही है, लेकिन बाद में जब अफसरों ने खुलासा किया तो मसला विधानसभा चुनाव का निकला. जांच दल के प्रमुख दमोह एसडीएम आर एल बागरी के मुताबिक फिलहाल कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है. वहीं, दमोह के कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि इस पर सख्ती दिखाई जाएगी और जिले भर में ऐसी टीम बनाई गई हैं, जो लगातार जांच पड़ताल करेंगी.

संबंधित दुकानदार पर होगी कार्रवाई
गौरतलब है कि चुनाव आते ही राजनीतिक दल के नेता गरीब तबके के मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए नेता साड़ियां और कम्बल बांटते हैं. इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है. फिलहाल साड़ी और कम्बल की दुकानों का स्टॉक चेक किया जा रहा है. इसका हिसाब दुकानदारों को देना होगा. इतना ही नहीं अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि पिछले साल के टर्नओवर और इस साल में कितना अंतर है. अगर टर्नओवर में ज्यादा अंतर आता है तो साफ हो जाएगा कि इनका इस्तेमाल राजनीतिक दलों ने किया है. जिसके बाद सम्बंधित व्यापारी पर कार्रवाई होगी.

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