Swami Prasad Maurya Controversial Statement: नरेन्द्र मिश्र/बलिया: रविवार को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बलिया के रसड़ा पहुंचें. जहां उन्होंने तीन राज्यों में बीजेपी की बहुमत मिलने को लेकर ईवीएम मशीन पर सवाल उठाया. वहीं, इस दौरान सनातन धर्म को लेकर एक बार फिर विवादित बयान देते हुए खुद को सबसे बड़ा सनातनी बताया.
सनातन पर दिया विवादित बयान
दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य रसड़ा तहसील क्षेत्र के अमहर ग्रामसभा में बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे. यहां उन्होेंने सनातन धर्म को लेकर एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा, सनातन का ढोल पीटने वाले लोग ही सनातन धर्म का अर्थ नहीं समझते.
सनातन और सच के सनातन में बहुत अंतर!
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि जो लोग बौद्ध धर्म का सनातन धर्म लेकर बड़े सनातनी बन रहे हैं. इनके सनातन और सच के सनातन में बहुत अंतर है. उन्होंने कहा कि सच का सनातन जो आदि काल में था, आज भी है और आगे भी रहेगा. वो सूर्य, हवा, पानी और अग्नि है, जो प्रकाश, जल, हवा व अग्नि आदि देने में कोई जाति/धर्म का भेदभाव नहीं करता. हवा आक्सीजन के लिए नदी जल के लिए, सूर्य प्रकाश के लिए, कोई ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य शुद्र व मुस्लिम का भेदभाव नहीं करती यही सनातन है.
खुद को बताया सनातनी
सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने आरोप लगाया ‘‘ बच्चा मां की कोख से पैदा होता है ये सनातन है परंतु ये मुख से ब्राम्हण, बाजुओं से क्षत्रिय, जांघ से वैश्य व पैरों से शुद्र पैदा कर देते हैं. यह बकवास सनातन नहीं हो सकती. सनातन वैज्ञानिक, सर्व ग्राही व सबको स्वीकार्य भी है. उन्होंने दावा किया हम उनसे बड़े सनातनी हैं, इसलिए जो सनातन का ढोल पीटते हैं वो सनातन विरोधी हैं.”
EVM पर उठाया सवाल
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी की जीत को लेकर ईवीएम पर आरोप लगाया प्रसाद मौर्य ने कहा कि कुछ लोग बोलते हैं मोदी जीत रहे हैं. मैं कहता हूं मोदी नहीं जीत रहे हैं. ये ईवीएम का तिगड़म जीत रहा है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव हुआ. 403 विधानसभा में 309 सीटों पर बैलेट पेपर वोटिंग में समाजवादी आगे थी. उसमें बीजेपी में मात्र 94 सीटों में आगे रही. वहीं, हाल ही में तीन राज्यों में बीजेपी के जीत को लेकर कहा कि ये ईवीएम के तिगड़म की जीत है, मोदी की करिश्मा की जीत नहीं है.
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मौर्य ने मंच से सनातन धर्म पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक तरफ लोग जाति, धर्म, के साथ नीच की दुहाई देते हैं. दूसरी ओर ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी. शूद्र और पशु ये सब मारने और पीटने के अधिकारी हैं. कहने वाले लोग, धर्म की दुहाई देने वाले लोग क्या कहना चाहते हैं. हम भी धर्म मानते हैं. धर्म का मतलब सबको सम्मान देना है.