जावेद अख्तर का ‘जय सियाराम’ वाला बयान, राम-सीता को बताया भारत की विरासत

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Javed Akhtar New Satement: जावेद अख्तर अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. कई बार उनके विवादित बयान मीडिया में चर्चा का विषय बने हैं. अब कवि और गीतकार जावेद अख्तर अपने एक नए बयान को लेकर काफी चर्चा में हैं. दरअसल, गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान जावेद अख्तर ने कहा कि भगवान राम और सीता ना केवल हिंदू देवी देवता हैं बल्कि उनको भारत की सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखा जाना चाहिए.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कवि जावेद अख्तर ने कहा कि रामायण भारत की सांस्कृतिक विरासत है. हम सभी को राम सीता की भूमि पर पैदा होने का गर्व है. दरअसल, जावेद अख्तर मनसे पार्टी द्वारा आयोजित दीवाली के कार्यक्रम मे बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भगवान राम सीता भारत में न केवल हिंदुओं की विरासत हैं, मुझे गर्व है कि मैं राम और सीता के देश में पैदा हुआ हूं. राम सीता भारत के प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक धर्मों के भगवान हैं.

उन्होंने अपने संबोधन में ये भी कहा कि राम सीता केवल हिंदूंओं के देवता नहीं है. वह भारत के विरासत हैं. उन्होंने इस बात का भी दावा किया कि वो नास्तिक हैं. बावजूद इसके राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानना है. उन्होंने आगे कहा कि जब भी मर्यादा पुरुषोत्तम की बात होती है तो राम और सीता की याद स्वभाविक है. इसके बाद गीतकार जावेद अख्तर ने लोगों से ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए.

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जावेद अख्तर ने सुनाया बचपन का किस्सा
कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि मैं लखनऊ से हूं. बचपन में अक्सर देखता था कि वहां के बड़े लोग एक दूसरे को गुड मार्निंग विश करते थे. उस दौरान मैने एक व्यक्ति को सड़क से गुजरते हुए ‘जय सियाराम’ कहते हुए सुना. उन्होंने कहा कि सीता और राम को अलग अलग सोचना भी पाप है. सियाराम शब्द एकता और प्रेम का प्रतीक है.

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