Mission Raniganj Collection: बड़े बजट में बनी ‘मिशन रानीगंज’ पड़ी फीकी, जानें ओपनिंग डे कलेक्‍शन

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Mission Rani Collection Day 1: टीनू सुरेश देसाई के डायरेक्शन में बनी, अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा की फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ सिनेमा घरों में दस्‍तक दे चुकी है. इस फिल्‍म में अक्षय कुमार ने जसवंत सिंह गिल का किरदार निभाया है, जिसने एक साथ करीब 70 से अधिक मजदूरों की जान बचाई. फिल्‍म ‘मिशन रानीगंज’ ने अपने पहले दिन में केवल कुछ करोड़ की ही कमाई की, जो अक्षय कुमार के लिए अब तक की सबसे कमजोर ओपनिंग में से एक है.

वास्तिविक घटना पर आधारित है फिल्‍म

दरअसल, फिल्‍म ‘मिशन राजीनंग’ कोयला क्षेत्र में घटी एक वास्विक घटना पर आधारित है, जिसमें दिवगंत जसवन्‍त सिं‍ह गिल की वीरता की कहानी को बताया गया है. जिन्‍होंने नवंबर 1989 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में आई बाढ़ में डूबी कोयला खादान में फंसे क्रमिकों को बचाने के लिए साहसी बचाव अभियान में अपनी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं, इस फिल्‍म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बेहतर रिस्पांस मिला हैं. हालांकि, यह फिल्‍म भूमि पेडनेकर की ‘थैंक्यू फॉर कमिंग’ और राजवीर देओल की ‘दोनों’ के साथ क्‍लैश हुई है. ऐसे मे इस फिल्‍म को बॉक्स ऑफिस पर कड़ी टक्कर मिली है.

फिल्‍म ने की ओपनिंग डे पर महज कुछ करोड़ की कमाई

फिल्‍म ‘मिशन रानीगंज’ को लेकर जिस तरह का फैलाव था उससे उम्‍मीद की जा रही थी कि फिल्म डबल डिजिट्स में ओपनिंग ले सकती है. हालांकि ऐसा हुआ नहीं, रिपोर्टस के मुताबिक,  फिल्म ने अपने ओपनिंग डे पर महज 2.85 करोड़ रुपये की कमाई की, जोकि उम्‍मीद से काफी कम हैं. जबकि इससे पहले अक्षय कुमार की आखिरी फिल्म ‘ओएमजी 2’ ने 10.26 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.

क्‍या है कोयला खदान हादसा

बता दें कि यह हादसा 13 नवंबर, 1989 को पश्चिम बंगाल के रानीगंज के महाबीर खदान कोलियरी में हुआ था. यहां कोयले के खदान में 220 मजदूर 350 फीट नीचे काम कर रहे थे तभी ब्लास्ट कर तोड़े जाने के दौरान वॉटर टेबल की दीवार में क्रैक आ गया. जिसके बाद इन दरारों में तेजी से पानी बहने लगा. इस कारण वहां काम कर रहे मजदूरों में से छह मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, जो लिफ्ट के पास थे उन्हें जल्दी से बाहर खींच लिया गया, उसके बाद भी 65 मजदूर फंसे रह गए थे.

इस हादसे के समय वहां जसवंत सिंह गिल बतौर एडीशनल चीफ माइनिंग डायरेक्टर के पद पर पोस्टेड थे. उन्होंने बाकी 65 मजदूरों की जान बचाई थी. जसवंत सिंह ने जहां मजदूर फंसे थे वहां कई बोर खोदे और उनके सकुशल बाहर निकलने तक खाना-पीना तक पहुंचाया. एक लंबे समय के बाद उन्होंने सभी 65 मजदूरों की जान बचाई और उन्हें बाहर निकाल लिया. इसके लिए जसवंत सिह गिल को 1991 में इंडियन गवर्मेंट की तरफ से प्रेसिंडेट रामास्वामी वेंकटरमन के हाथों सिविलियन गेलेन्ट्री अवार्ड ‘सर्वोंत्तम जीवन रक्षक पदक’ भी  दिया गया.

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