अगर पश्चिमी देश ऐसे ही इजराइल के पीछे खड़ा रहा तो… तुर्की के राष्ट्रपति ने दी बड़ी धमकी

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Türkiye: इजराइल और गाजा संघर्ष के बीच तुर्की और इजराइल के रिश्‍तों में दरार आ गया है. कुछ दिनों पहले गाजा में इजराइली हमले के विरोध में तुर्की ने इजराइल से आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. वहीं एक बार फिर इजराइल पर तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एर्दोआन आग बबूला हुए है. जानकारी के अनुसार, इंटरनेशनल बेनेवोलेंस अवार्ड के कार्यक्रम में राष्‍ट्रपति एर्दोआन ने गाजा युद्ध में किए गए वॉर क्राइम पर इजराइल की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने इजराइल हमलों में हो रही गाजावासियों के नुकसान को इस सदी का सबसे बड़ा नरसंहार बताया है. इसके साथ ही उन्होंने धमकी दी है कि यदि गाजा में इजराइली हमलों को नहीं रोका गया तो दुनिया एक और बड़ी जंग का सामना करेगी.

मदद करने वाले देशों को भी सुनाई खरी-खोटी

राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एर्दोआन इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने इजराइल को आर्म और मदद देने वाले देशों को भी खरी-खोटी सुनाई है. पश्चिमी देशों के दोहरे रवैए पर बोलते हुए एर्दोआन ने कहा कि जो देश मानवाधिकारों पर दूसरे देशों को भाषण देते हैं, वही देश इजराइल को मदद देकर गाजा में नरसंहार को बढ़ावा दे रहे हैं.

जन्‍म लेगा नया विवाद

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने चेतावनी देते हुए कहा कि य‍दि पश्चिमी ताकते इसी तरह इजराइल के पीछे खड़ी होकर साथ देती रही और इजराइल के कब्जे को फैलने से नहीं रोका गया, तो क्षेत्र में नया विवाद उत्‍पन्‍न होगा. एर्दोआन ने कहा कि इजराइल ये लड़ाई हार चुका है और मानवतावादी लोग उसकी निंदा कर रहे हैं.

फिलिस्तीन को मान्यता देने का किया स्वागत

जानकारी के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान राष्‍ट्रपति ने आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन के फिलिस्तीन को मान्यता देने के फैसले का स्वागत किया है. इसके साथ ही उन्होंने दूसरे देशों से भी आग्रह किया है कि फिलिस्तीन विवाद के समाधान के लिए वे भी दो राष्ट्र समझौते के तहत फिलिस्तीन को मान्यता प्रदान करें.

‘शांति का उपाय दो राष्ट्र समझौता’

बुधवार को आयरलैंड की सरकार ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा करते हुए कहा कि 1967 की सीमाओं पर दो राष्ट्र समझौता मध्य पूर्व में शांति का एकमात्र उपाय हैं. हम अरब देशों के पीस प्लान का सपोर्ट करते हैं और फिलिस्तीन को 28 मई को आधिकारिक रूप से मान्यता देंगे. इसके बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले देशों की कुल संख्या लगभग 147 हो गई है, जो एक भारी ग्‍लोबल सहमति को दर्शाता है.

 

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