AC Side Effects: दिल्ली-एनसीआर समेत भारत के पूर्वी राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी से बचने के लिए लोग जमकर पंखा, कूलर और एसी का हवा खा रहे हैं. कुछ लोग तो गर्मी से बचने के लिए 24 घंटे एसी में ही रह रहे हैं. एयर कंडीशनर में रहने से आपको गर्मी से तो राहत मिल जाती है. लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है.
यदि आप भी गर्मी के सीजन में रातभर एसी चलाकर सोते हैं तो इस खबर को जरुर पढ़े. क्योंकि, यदि आप इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं एसी चलाने के लिए हमें किन-किन बातोंं का ख्याल रखना चाहिए, जिससे हमारी सेहत प्रभावित ना हो.
एसी चलाकर सोने वाले इन बातों का रखें ख्याल
अगर आप रात को एसी चलाकर सोते हैं तो एसी का तापमान मध्यम स्तर पर सेट करें. साथ ही हवा में नमी लाने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें और एलर्जी और प्रदूषकों को कम करने के लिए एयर फिल्टर को समय समय पर साफ करें या बदल दें.
एसी का इस्तेमाल करते समय इन बातों का ख्याल रखें
- गर्मी का सीजन शुरु होने से पहले एसी की सर्विस करवा लेनी चाहिए.
- एसी की सर्विस किसी सर्टिफ़ाइड मैकेनिक या भरोसेमंद व्यक्ति से ही कराएं.
- दिन में थोड़ी देर के लिए एसी वाले रूम के खिड़कियां-दरवाज़े जरूर खोल दें.
- गैस फिल करवाते वक्त एसी की गैस की क्वालिटी का ध्यान रखें.
- विंडो एसी की जगह आप स्प्लिट एसी का उपयोग करें ये ज्यादा बेहतर होता है.
कितने तापमान और कितने घंटे एसी चलाएं?
कुछ लोग गर्मी से तुरंत राहत पाने के लिए 16 या 18 डिग्री तापमान पर एसी चलाते हैं. लेकिन यह हमारे सेहत के हिसाब से गलत है. आपको घर या ऑफिस में 25-26 डिग्री सेल्सियस ही एसी चलाना चाहिए. अगर आप अच्छी सेहत चाहते हैं तो कुछ देर के लिए एसी चलाकर कमरा ठंडा करके एसी बंद कर दें और पंखा चला लें. क्योंकि, यदि आप दिनभर एसी में रहेंगे तो इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है.
रात में एसी चलाकर सोने के नुकसान
यदि आप रात भर बंद कमरे में एसी चलाकर सोते हैं तो सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, खास तौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें अस्थमा या एलर्जी जैसी दिक्कतें पहले से ही हैं. इससे खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं. यदि आप लंबे समय तक एसी में रहते हैं तो फिर आपके शरीर से नमी गायब हो सकती है. इस वजह से स्किन ड्राई हो जाती है और शरीर में पानी की कमी होने पर चक्कर आना जैसी परेशानी शुरू हो जाती है.
इसके अलावा एसी की ठंडी हवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है और आपको वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है.