Herbs for Bones: हड्डियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं ये हर्ब्‍स, इनके सेवन से बढ़ी उम्र में भी फौलादी रहेंगे बोन्‍स

Herbs for strong Bones: हमारे शरीर को फीट और हेल्‍दी रखने में हड्डियों का अहम रोल होता है, इसलिए हड्डियों की विशेष केयर करनी चाहिए. दरअसल, कई बार हम अपनी हड्डियों की सेहत को अनदेखा कर देते है. जिससे हम जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं के शिकार हो जाते हैं. वैसे तो ये परेशानी उम्र बढ़ने के साथ होती है. लेकिन आजकल सेहत की अनदेखी से कम उम्र के लोगों में भी ये समस्‍या देखने को मिल रही है.

इससे रोज के काम-काज में दिक्कत होती है. ऐसे में आयुर्वेद हर्ब्‍स हड्डियों को स्‍ट्रांग बनाने में मदद कर सकते है. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या भी दूर हो सकती है. तो चलिए हड्डियों को मजबूत बनाने वाली कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्‍स के बारे में जानते है.  

गिलोय

आयुर्वेद में गिलोय को सेहत का खजाना माना जाता है. इसका का इस्‍तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. गिलोय कॉपर, फॉस्फोरस, आयरन,  कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है,  जो हड्डियों को फौलादी बनाने में मदद करते हैं. यह गठिया रोग में लाभकारी साबित होता है. इसका सेवन जूस या गिलोय चूर्ण के रूप में किया जाता है.

गुग्गुल

इसको सेहत के लिए वरदान माना जाता है. आयुर्वेद में गुग्‍गुल का उपयोग कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है. बता दें कि गुग्गुल शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं. गुग्‍गुल गठिया रोग में भी बेहद फायदेमंद है.

डेंडिलियन

डेंडिलियन यानी सिंहपर्णी कई पोषण तत्‍वों से भरपूर होता है. ये हड्डियों की सेहत के लिए बेहद असरदार माना जाता हैं. कैल्शियम और सिलिकॉन से भरपूर डेंडिलियन हड्डियों को बुढ़ापे तक मजबूत बनाए रखने का काम करते हैं. डेंडिलियन के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं. इसका सेवन चाय के तौर पर कर सकते है.

गोटू कोला

गोटू कोला बहुत शक्तिशाली औषधि माना जाता है. इसके इस्तेमाल से हड्डियां और मांसपेशियां स्‍ट्रांग बनती हैं. गोटू कोला कई एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं. इसका नियमित सेवन करने से वैरिकोज वेन्स की समस्या भी दूर हो सकती है. इसके लिए आप गोटू कोला की चाय का सेवन कर सकते हैं.

लेमनग्रास

आयुर्वेद में लेमनग्रास को सेहत के लिए वरदान माना जाता है. इसमें कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को हेल्‍दी रखने का काम करते हैं. लेमनग्रास में फ्लेवोनॉइड होता है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है. ऐसे में लेमनग्रास की चाय नियमित पीने से शरीर की इम्यूनिटी स्‍ट्रांग होती है, जिससे आप कई बीमारियों के शिकार होने से बचे रहेंगे.

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