Herbs For Digestion: कहते हैं अगर इंसान का पेट दुरूस्त रहे तो पूरा शरीर ही सेहतमंद रहता है. खराब डाइजेशन हमारे सेहत का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. इसलिए पाचन तंत्र को सही रखना बहुत जरूरी है. पेट के हेल्दी बैक्टीरिया भोजन को पचाने के साथ ही पोषक तत्वों को अवशोषित कर अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारी आंतों में खरबो की संख्या में माइक्रो ऑर्गेनिज्म होते हैं. इनमें कई तरह के बैक्टीरिया और फंगस भी शामिल हैं. यह बैक्टीरिया भोजन में शामिल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों को तोड़ने का काम करते है; इन्हे गट बैक्टीरिया के नाम से जाना जाता है. ऐसे में कुछ जड़ी बूटियों को अपने डाइट में शामिल करके आप इन हेल्दी गट बैक्टीरिया की संख्या बढ़ा सकते हैं. ये जड़ी बूटियां प्रीबायोटिक और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर है.
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन नामक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यह आंतों की सूजन कम करने में मददगार है. साथ ही यह गट बैक्टीरिया को भी संतुलित करती है. इसके इस्तेमाल से पेट संबंधी कई परेशानियां दूर होती हैं. करक्यूमिन गट माइक्रोबायोम को मजबूती देता है.
लहसुन
लहसुन प्रीबायोटिक गुण से युक्त है, जो गट बैक्टीरिया को संतुलित करते हैं. लहसुन में पाए जाने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण हमारे डाइजेशन को मजबूत बनाते हैं.
अजवाइन
जब भी हमें पेट में गैस या अपच की शिकायत होती है तो बड़े बुजुर्ग अजवाइन खाने की सलाह देते हैं. अजवाइन में कार्वक्रोल और थाइमोल जैसे यौगिक होते हैं. ये दोनों ही एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होते हैं और आंतों को हेल्दी रखते हैं.
पुदीना
पेट दर्द होने पर हमें पुदीना खाने की सलाह दी जाती है. पुदीना हमारी पाचन क्रिया को तेज करता है. साथ ही गैस, सूजन और अपच जैसी समस्याओं से भी आराम मिलता है. यह आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म भी करता है.
सौंफ
खाना खाने के बाद ज्यादातर लोग सौंफ खाना पसंद करते हैं. यह पावरफुल मसाला पाचन क्रिया को बढ़ाती है. इसको खाने से पेट की कई परेशानियां दूर रहती है; इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो आंतों को मजबूत रखते हैं.
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