Morning Bad Habits Creates Problem: मानवीय जीवन की मूलभूत सुविधाओं में अब मोबाइल ने अपनी विशेष पहुंच बना ली है. मोबाइल के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है. रोटी, कपड़ा मकान के जैसे ही मोबाइल अब महत्वपूर्ण हो चला है. बिना मोबाइल के ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया रूक जाती है. हालांकि, इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि मोबाइल के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं.
दरअसल, मोबाइल पर लोग इस प्रकार से डिपेंड हो गए हैं कि इसके बगैर वह जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. फोन की लत में लोग सुबह उठते ही इसे हाथ में ले लेते हैं और घंटों इसे यूज करते हुए टाइम पास करते हैं. अगर आप भी ऐसा करने वालों में से एक हैं तो संभव है कि आप NoMoPhobia के शिकार हों.
रिपोर्ट्स में हुए कई खुलासे
बता दें कि हाल के दिनों में आई कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सुबह उठते ही फोन का इस्तेमाल हमारी मेंटल और फिजिकल दोनों के लिए सही नहीं है. आम तौर पर नोटिफिकेशन चेक करना, सोशल मीडिया का यूज और खबरों से जुड़ी जानकारियां जुटाना ये सब अब कॉमन हो गया है. इस बीच आइए बताते हैं कि NoMoPhobia का अर्थ क्या है और इसके नुकसान क्या है?
नींद की समस्या से होना पड़ेगा दो-चार
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि उठते ही फोन चलाने से इसकी ब्लू लाइट हमारी आंखों पर दबाव डालती है. इस कारण पूरे दिन थकान का सामना करना पड़ता है. अगर आप लगातार इस आदत में बने हुए हैं तो आपको नींद ना आने की समस्या से जूझना पड़ सकता है.
स्ट्रेस से होंगे परेशान
जानकारों का मानना है कि नींद से हमारा दिमाग रिलैक्स मूड में होता है. ऐसे में सुबह कुछ ऐसे मैसेज आप देख लेते हैं जो टेंशन बढ़ाकर मूड को खराब कर देते हैं. इस कारण पूरे दिन आपको स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है. इस कारण आपको हाई हार्ट रेट जैसे फिजिकल प्रॉब्लम भी हो जाती हैं.
काम पर पड़ता है असर
सुबह अगर आप उठते ही फोन चलाते हैं तो संभव है कि हेल्दी हैबिट्स जैसे मेडिटेशन, एक्सरसाइज और अच्छा ब्रेकफास्ट नहीं ले पाते हैं. इसका सीधा असर हमारे पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों पर पड़ता है. जिस कारण आपकी प्रोडक्टिविटी भी डाउन होती है.
मॉर्निंग रूटीन को इग्नोर करना
हेल्दी मॉर्निंग रूटीन हमारे लिए बेहद जरूरी है पर उठते ही इससे पहले फोन को अहमियत देने से कई नुकसान होते हैं. हम स्ट्रेचिंग या दूसरी हेल्दी एक्टिविटीज से दूर होने लगते हैं और अनहेल्दी रूटीन को फॉलो करने लगते हैं. हेल्दी रूटीन को नजरअंदाज करने से मेंटली और फिजिकली थकान रहती है.
बच्चों पर पड़ता है बुरा असर
अगर आप पैरेंट्स हैं तो आपको सबसे ज्यादा अपने बच्चों का ध्यान रखना चाहिए. पैरेंट्स जो भी करते हैं बच्चे भी वही सीखते हैं. ऐसे में आजकल के पेरेंट्स ही नहीं बच्चे भी बिना फोन के रह नहीं पाते हैं. अगर पैरेंट्स ही सुबह जगते मोबाइल फोन का प्रयोग करेंगे तो उनको देखकर बच्चे भी इस आदत को अपना लेते हैं. इस कारण बच्चों के भी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है.
(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी सामान्य मीडिया रिपोर्ट्स के आदार पर लिखी गई है. द प्रिंटलाइंस इसकी पुष्टी नहीं करता है.)