Overthinking: किसी चीज या किसी बात को लेकर यदि आप बहुत लंबे समय से सोच रहे हैं, उस विषय पर सोचने के अलावा किसी और काम पर आपका ध्यान लग ही नही रहा, तो आप यह जान लें कि आप जरूरत से ज्यादा सोच रहे हैं. आप धीरे-धीरे ओवरथिंकिंग के शिकार हो रहे हैं. रिसर्च में यह पाया गया है कि ओवरथिकिंग डिप्रेशन, एंजायटी, पोस्ट ट्रॉमेटिक डिस्ऑर्डर का कारण बन सकता है. यही नहीं, ओवरथिंकिंग के कारण ही सोशल एंजायटी डिसऑर्डर, पैनिक डिसऑर्डर आदि की समस्या भी परेशान कर सकती है. जिससे उबरने के लिए थेरेपीज तक की आवश्यकता पड़ती है.
ओवरथिंकिंग के लक्षण
अगर आप यह पता करना चाहते हैं कि कहीं आप भी तो ओवरथिंकिंग नहीं कर रहे तो आप इसकी पहचान नीचे दिए गए संकेतों की मदद कर सकते हैं.
- किसी और चीज के बारे में सोचने में असमर्थता
- आराम करने में असमर्थ होना
- लगातार चिंता महसूस करना
- अपने नियंत्रण से बाहर की चीजों को ठीक करने का प्रयास करना
- मानसिक रूप से थकान महसूस होना
- बहुत अधिक नकारात्मक विचार आना
- मन में बार-बार एक जैसी स्थिति या अनुभव को महसूस करना
क्या हैं ओवरथिंकिग को दूर करने के उपाय
खुद को रखें व्यस्त
कई बार खालीपन ओवरथिंकिंग की वजह बन जाती है. ऐसे में कोशिश करें कि आप खुद को बिजी रखें और खाली समय में भी कुछ ना कुछ करते रहें. आप इस समय कुछ क्रिएटिव काम कर सकते हैं. जैसे कि पेंटिंग, डांसिंग, कुकिंग आदि.
खुद को खुश रखें
आप यह प्रयास करें कि आपके आस-पास खुशहाल लोग रहते हो. इस तरह आप नकारात्मक माहौल से निकलकर खुद को खुश रखने का प्रयास करें. इसके लिए आप नए दोस्त बनाएं, साथ घूमें फिरें, दीवारों से बाहर आकर प्रकृति के नज़दीक जाएं.
मेडिटेशन करें
मेडिटेशन ओवरथिंकिंग से बचने में काफी मददगार है. यह आपके मन को शांत करने और बुरे ख्यालों को रोकने काम करता है. यह आपके मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाता है.
खुद को करें माफ
यदि आपने अपने जीवन के शुरुआत में कुछ गलतियां की हैं तो उसे सोचने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है. आप खुद को माफ करें और अपने जीवन में आगे बढ़ें. अपने भविष्य के बारे में सोचें. अपने अंदर के डर और घबराहट बाहर निकालें, उसका डट कर सामना करें.
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