Parenting Tips: बढ़ते वर्कप्रेशर और अन्य परेशानियों की वजह से सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक समस्याएं भी लोगों को अपनी जद में ले रही है. इन्हीं समस्याओं में से एक डिप्रेशन हैं, इसका शिकार सिर्फ बड़े और बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि बच्चे भी हो रहे हैं. बीते कुछ समय से बच्चों में डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बच्चों में डिप्रेशन के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिसकी जानकारी होने पर पेरेंट्स इससे अपने बच्चों का बचाव कर सकते हैं. ऐसे में आज के इस लेख में हम जानेंगे बच्चों में डिप्रेशन के चार मुख्य कारणों के बारे में…
एकल परिवार
पहले के समय में जहां संयुक्त परिवारों में रहने का चलन था, तो वहीं अब ज्यादा लोग एकल परिवार में रहते हैं. संयुक्त परिवार में अक्सर चहल पहल और रौनक बनी रहती थी और बच्चों को माता-पिता के अलावा दादा-दादी, चाचा-चाची, बुआ सभी का प्यार मिलता था. हालांकि, एकल परिवार में सिर्फ माता-पिता का साथ रहता है, जो काम के लिए ज्यादातर बाहर रहते हैं. ऐसे में बच्चे अकेलपन की वजह डिप्रेस हो सकते हैं.
मन की बात न कर पाना
संयुक्त परिवारों में रहने पर बच्चों के पास अपने मन की बात कहने के लिए बहुत सारे विकल्प होते हैः बच्चे माता-पिता के साथ ही दादा-दादी, चाचा-चाची आदि से अपने मन की बातें साझा करते थे. हालांकि, वर्तमान में एकल परिवार की वजह से बच्चे बहुत अकेले हो गए हैं. पेरेंट्स भी काम के सिलसिले में ज्यादातर बाहर रहते हैं, जिससे बच्चे अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते और धीरे-धीरे डिप्रेश होने लगते हैं.
डांट-फटकार
पेरेंट्स बच्चों को सही-गलत बताने के लिए अक्सर डांट-फटकार लगा देते हैं. ऐसे में कई बार पेरेंट्स का यह बर्ताव बच्चों के दिल में कांटे की तरह चुभ जाता है, जिसकी वजह से उनके कमजोर मन पर गहरी चोट लग जाती है, जो उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की तरफ धकेलती हैः
घरों में कैद रहना
पुराने समय में बच्चे अपना खाली वक्त घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ बिताते थे. इसके विपरीत वर्तमान में खराब माहौल को देखते हुए ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों घरों से बाहर भेजते से परहेज करते हैं. ऐसे में बच्चा मन बहलाने के लिए दिनभर गैजेट्स से घिरे रहते हैं, जिसकी वजह से भी उन्हें डिप्रेशन होने लगता है.
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण
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मूड में बदलाव
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थकान
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नकारात्मक विचार आना
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लो एनर्जी लेवल
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नींद से जुड़ी समस्या
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सामान्य से अधिक या कम खाना
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मनोरंजक गतिविधियों में रुचि की कमी