Malta Fever: गुजरात में चांदीपुरा वायरस के मामले अभी आ रहे हैं. इस बीच इस राज्य में हुई एक नई स्टडी में पता चला है कि आने वाले समय में माल्टा फीवर का भी खतरा हो सकता है. माल्टा फीवर, जिसे ब्रुसेलोसिस भी कहते हैं. यह एक खतरनाक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. मौजूदा समय में इस बीमारी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, इसलिए इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है. आइए, जानते हैं क्या है इस बीमारी का लक्षण और कैसे करें बचाव.
कैसे फैलता है माल्टा फीवर?
माल्टा फीवर एक ऐसी बीमारी है जो अधिकतर घरेलू जानवरों से फैलती है. गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर इस बीमारी के मुख्य कारण हैं. इनका बिना उबाला हुआ दूध पीने या इनका ठीक से पका हुआ मांस न खाने से यह बीमारी इंसानों में फैल सकती है. जो लोग इन जानवरों के करीब रहते हैं, जैसे किसान और पशुपालक, उन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक होता है. इसलिए, दूध को हमेशा अच्छे से उबालकर पिएं और मांस को अच्छी तरह से पकाकर खाएं.
माल्टा फीवर के लक्षण
- इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और यह कई बार सामान्य बुखार, फ्लू या थकान जैसे बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं.
- लगातार या रुक-रुक कर बुखार आना, खासकर शाम के वक्त.
- तेज और लगातार सिर में दर्द.
- बिना किसी वजह के बहुत ज्यादा थकान महसूस होना.
- विशेषकर रात के समय बहुत ज्यादा पसीना आना.
- शरीर के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और अकड़न जैसा महसूस होना.
- कमजोरी महसूस होना, इससे सामान्य काम भी काफी कठिन लगना.
माल्टा फीवर से कैसे बचें?
- दूध और दूध से बने उत्पादों को हमेशा उबालकर ही इस्तेमाल करें.
- संक्रमित जानवरों से दूर रहें और उन्हें संभालते समय दस्ताने और मास्क का इस्तेमाल करें.
- कच्चे मांस को ठीक से पकाकर ही खाएं.
- अगर आप जानवरों के संपर्क में अधिक रहते हैं, तो नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराएं.
- साफ-सफाई का ध्यान रखें और खाने-पीने की चीजों को साफ-सुथरा रखें.
इलाज और सावधानियां
अगर माल्टा फीवर के लक्षण सामने आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है, लेकिन यह जल्दी शुरू हो, तो और भी बेहतर होता है. डॉक्टर के परामर्श के बिना किसी भी तरह की दवा लेने से बचें. माल्टा फीवर एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी बरतने से इससे बचा जा सकता है.
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