Yoga Asanas: बवासीर से निपटने में कारगर हैं ये योगासन, जानिए करने का सही तरीका

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Yoga Asanas For Piles: बवासीर गुदा के आसपास की नसों में सूजन और जलन के कारण होने वाली समस्‍या है. इसमें गुदा क्षेत्र में मस्‍से बनने लगते हैं, जो बहुत कष्‍टदायक होते हैं. बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स कहते है. यह समस्‍या नियमित शौच न होने से कब्ज की परेशानी की वजह से हो सकता है. इसमें खून आना, जलन और खुजली, गुदा क्षेत्र में मासूलों में सूजन आना लक्षण है.

बवासीर की समस्या को ठीक करने में योग को बेहद फायदेमेंद माना जाता है. अगर आप भी पाइल्‍स की समस्‍या से परेशान हैं तो आप अपने रूटीन में योग को शामिल कर सकते हैं. इससे आपको काफी हद तक फायदा मिलेगा. इन योगासन को सुबह खाल पेट करना बेहतर हो सकता है. आज की लेख में हम जानेंगे बवासीर की समस्या को बिना दवा के दूर करने वाले योगासनों के बारे में…

उत्तानासन

इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं. फिर सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुके. दोनों हाथों से जमीन को छुएं. इसके बाद हाथों को नीचे फर्श पर टिकाते हुए पैर के अंगूठे को छूने का प्रयास करें. इस दौरान घुटनों को सीधा रखें. कुछ देर इसी मुद्रा में रहें, फिर हाथ ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और सामान्य स्थिति में खड़े हो जाएं.

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

अर्ध मत्‍स्‍येन्‍द्रासन बवासीर की समस्‍या से राहत दिलाने में बेहद मददगार है. इसके अभ्यास से हिप्स और जांघ की मांसपेशियों का फैट भी कम होता है. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ ही कमर की चर्बी घटने लगती है. इस आसान को करने के लिए पहले दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद शरीर को सीधा रखते हुए बाएं पैर के घुटनों को मोड़ते हुए दाएं पैर को उठाकर बाएं घुटने पर ले लाएं. फिर दाएं हाथ की कोहनी को दाएं पैर के घुटने के ऊपर ले जाएं. कुछ देर तक इसी मुद्रा में रहे. ऐसे ही दूसरी तरफ से दोहराएं.

मार्जरासन

मार्जरासन को करने के लिए दोनों हाथों और घुटने जमीन पर रखते हुए हिप्स के नीचे और कंधे व कुहनियों को एक सीध में रखें. गर्दन और सिर को सीध में रखते हुए मेरुदंड (spinal cord) को न झुकने दें. हथेलियों और घुटनों पर शरीर का भार समान रूप से डालते हुए कमर को छत की दिशा में उठाएं. गहरी सांस भरें और कमर को ऊपर उठाएं. अब सिर को छत की ओर ऊपर उठाएं.

बद्ध कोणासन

इस आसन के नियमित अभ्यास से थकान व तनाव की समस्या नहीं होती. साथ ही साइटिका व हार्निया में भी फायदा मिलता है. इसे करने के लिए पैर सीधा करके बैठ जाएं. तितली आसन की तरह घुटने मोड़कर तलवे को एक दूसरे से छुएं. घुटनों को नीचे की तरफ जमीन स्‍पर्श होने तक दबाएं. इस दौरान दोनों पैरों को हाथों से पकड़ें. ध्यान रखें कि शरीर के लचीले होने तक इस योग को करें.

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