Yoga Tips: आजकल खराब जीवनशैली और खानपान की गलत आदतों की वजह से ज्यादातर लोग थायरॉइड की समस्या से परेशान होने लगे हैं. थायरॉइड को लेकर चिंता का विषय यह है कि ज्यादातर लोगों को इस बात का पता भी नहीं होता है कि वे इस रोग से पीडि़त है. थायरॉइड गले में पाई जाने वाली एक छोटी ग्रंथि है, जो कई आवश्यक हार्मोन स्रावित करती है. यह तितली के आकारी की होती है. ये ग्रंथि हार्मोन मेटाबॉलिज्म, शरीर के तापमान और विकास के लिए आवश्यक होती है.
थायरॉइड जब शरीर के लिए पर्याप्त हार्मोन पैदा नहीं कर पाती है तो इसे हाइपो थायरॉइडिज्म के नाम से जाना जाता है. वहीं जब ये ज्यादा हार्मोन पैदा करने लगती है तो इसे हाइपो थायरॉइडिज्म के कहते हैं. थायरॉइड के लेवल के बढ़ने या कम होने, दोनों ही स्थिति में शरीर को नुकसान होने की संभावना रहती है. ऐसे थायराइड स्तर को संतुलित करने के लिए नियमित योगासन करना चाहिए. आइए यहां कुछ योगासनों के बारे में जानते हैं.
सेतुबंधासन
इस आसन को ब्रिज पोज भी कहा जाता हैं. इसे करने से पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. अध्ययनों मे पाया गया कि सेतुबंधासन के अभ्यास से थायराइड के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है. सेतुबंधासन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अलग करके घुटनों को मोड़ लें. इसके बाद हथेलियों को खोलते हुए हाथ को बिल्कुल सीधा जमीन पर सटा लें. सांस को लेते हुए कमर के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं. सांस छोड़ते हुए पहले वाली स्थिति में आ जाएं.
कोबरा पोज
कोबरा पोज का अभ्यास थायराइड की समस्या से राहत दिलाने में मददगार है. इस योगासन को गले और थायराइड को उत्तेजित करने में सहायक माना जाता है. इस आसन के अभ्यास के लिए जमीन पर लेटकर हथेलियों को जमीन पर कंधे की चौड़ाई से अलग रखें. अब श्वास लेते हुए छाती को जमीन से उठाते हुए छत की तरफ देखें. अब शरीर को दोबारा फर्श पर लेकर आएं. इस योगासन को दोहराएं.
कैट-काउ पोज
थायरॉइड को कंट्रोल करने में कैट काऊ का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है. यह गले में रक्त के प्रवाह को निरंतर जारी रखने में मददगार है. कैट काउ पोज को करने के लिए सबसे पहले कलाइयों और घुटनों की मदद से जानवरों जैसी मुद्रा बना लें. गहरी सांस लें और छोड़ें. इस आसान को नियमित 10 मिनट करें.
ये भी पढ़ें :- Hair Care Routine: बालों के लिए रामबाण है ये बीज, जानें इस्तेमाल करने का तरीका