Alcohol: पूरी दुनिया में अरबों लोग ऐसे हैं जो शराब का सेवन करते हैं. आज के समय में तो युवाओं में शराब, बीयर पीने का शौक काफी तेजी से बढ़ रहा है. आज के जमाने में शराब लोगों के सेलिब्रेशन का हिस्सा बन चुका है. ज्याकदातर लोगों को शराब की लत लग जाती है और वे प्रतिदिन शराब पीना शुरू कर देते हैं. आपको बता दें कि शराब का ज्यादा सेवन कैंसर, लिवर फेलियर सहित कई जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकता है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि प्रतिदिन कितनी शराब पीना सुरक्षित है?
कुछ लोगों का मानना है कि रोज 1 या 2 पैग शराब पीने से सेहत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है, तो वहीं कुछ लोग 3-4 पैग को भी नॉर्मल मानते हैं.
कई रिसर्च में भी शराब के कुछ फायदे बताए गए हैं. लेकिन, इन पर बहुत विवाद है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो शराब सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इसी वर्ष शराब को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें थीं. इसमें यह बताया गया था कि कितनी मात्रा में शराब पीना सुरक्षित है और इसका सेवन शरीर पर किस तरह असर डालता है. नए वर्ष की शुरूआत होने में कुछ ही दिन बचे हैं, उससे पहले यह बात सभी के लिए जानना जरूरी है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बताई है शराब की सही लिमिट
WHO की रिपोर्ट की माने तो शराब की एक बूंद को भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है. शराब की कम से कम मात्रा भी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. WHO के अनुसार, लोगों को शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. WHO ने कई सालों के आकलन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. शराब की पहली बूंद पीने से ही कैंसर, लिवर फेलियर सहित तमाम गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शराब या बीयर के 1 पैग को भी सुरक्षित मानना लोगों की गलतफहमी है. WHO का कहना है कि अभी तक किसी स्टडी में यह साबित नहीं हो सका है कि शराब सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है. ऐसी रिसर्च विवादों से घिरी हैं.
सेहत के लिए क्यों खतरनाक है शराब?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, शराब में एल्कोहल मिलाया जाता है, जो एक जहरीला पदार्थ होता है. यह शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. सालों पहले इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एल्कोहल को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में शामिल किया था. कार्सिनोजेन को कैंसर पैदा करने वाले ग्रुप में शुमार किया जाता है. इस खतरनाक ग्रुप में एस्बेस्टस, रेडिएशन और तंबाकू को भी शामिल किया गया है. सिर्फ शराब ही नहीं, बल्कि तंबाकू और रेडिएशन से कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि वह शराब के तथाकथित सुरक्षित स्तर के बारे में बात नहीं कर सकता है.
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