18th Lok Sabha: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज, 24 जून से शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली. सत्र से पहले पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सभी सदस्यों को बधाई व शुभकामनाएं दीं. आज के दिन को पीएम मोदी ने लोकतंत्र के लिए गौरव का दिन बताया. आइए पढ़ते हैं पीएम मोदी के संबोधन की दस बड़ी बातें…
पीएम के संबोधन की 10बड़ी बातें…
- पीएम मोदी ने कहा, संसदीय लोकतंत्र में आज का दिवस गौरवमय है. यह वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में यह शपथ समारोह हो रहा है. अब तक यह प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी.
- उन्होंने आगे कहा, 18वीं लोकसभा का गठन भारत के सामान्य लोगों के संकल्प की पूर्ति का है. नए उमंग और नए उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है. श्रेष्ठ भारत निर्माण और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के साथ आज 18वीं लोकसभा प्रारंभ हो रही है.
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बेहद शानदार और गौरवमयी तरीके से संपन्न होना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया.
- पीएम मोदी ने कहा, ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर देश की जनता ने दिया है. यह अवसर 60 साल बाद आया है. यह अपने आप में बहुत गौरवपूर्ण घटना है. देश की जनता ने सरकार की नीयत, नीतियों और समर्पण के भाव पर अपनी मुहर लगाई है.
- पीएम मोदी ने आगे कहा, मुझे पता है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए. लेकिन, देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है. हमारा निरंतर प्रयास होगा कि हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें. हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं. संविधान की मर्यादा का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहता हूं.
- पीएम ने कहा, 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है. भारतीय संस्कृति और विरासत में 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है. गीता के भी 18 अध्याय हैं. कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश गीता से मिलता है. हमारे यहां पुराणों और उप पुराणों की संख्या भी 18 हैं. 18 का मूलांक नौ है. नौ पूर्णता की गारंटी देता है. नौ पूर्णता का प्रतीक अंक है. 18 साल की उम्र में देश में मताधिकार मिलता है. 18वीं लोकसभा का गठन भी शुभ संदेश देता है.
- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कल 25 जून है. भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखने वालों के लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है. 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो धब्बा लगा था, उसके 50 साल पूरे हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी कभी यह नहीं भूलेगी कि कैसे भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था. देश को जेल खाना बना दिया गया था. लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच लिया गया था. आपातकाल के यह 50 साल इस संकल्प के है कि हम गौरव के साथ अपने संविधान की रक्षा करेंगे. देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले किया गया था.
- पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमें तीसरी बार मौका दिया है. यह बहुत ही महान और भव्य विजय है. हमारी दायित्व भी तीन गुना बढ़ गया है. देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करेंगे. हम परिणामों को भी तीन गुना लाकर रहेंगे. इसी संकल्प के साथ हम इस कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
- पीएम ने आगे कहा, नए सांसदों से देश को बहुत ही अपेक्षाएं हैं. मैं सभी सांसदों से आग्रह करुंगा कि जनहित और लोकसेवा में इस अवसर का उपयोग करें. हर संभव जनहित में कदम उठाएं. देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है. 18वीं लोकसभा में देश की जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखनी की अपेक्षा रखती है. मैं आशा करता हूं कि विपक्ष इस पर खरा उतरेगा. देश को अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है.
- पीएम मोदी ने कहा, 18वीं लोकसभा संकल्प का सदन बने. विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है. सब लोग मिलकर उस दायित्व को निभाएंगे. जनता का विश्वास और मजबूत करेंगे. 25 करोड़ लोगों का गरीबी से निकालना एक विश्वास पैदा करता है कि हम भारत को गरीबी से मुक्त करने में बहुत जल्द सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
यह भी पढ़े: कर्नाटकः कलबुर्गी एयरपोर्ट को मिली बम की धमकी, तलाशी अभियान जारी