Ayodhya Ram Mandir Interesting Facts: आज अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. विधि विधान के साथ रामलला की प्रतिष्ठा की गई. इस दौरान अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश राममय रहा. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद, मंदिर 23 जनवरी से भक्तों के लिए खुला रहेगा.
राममंदिर पर ऐतिहासिक फैसला 9 नवंबर, 2019 को आया था. देश के शीर्ष न्यायालय ने सदियों के समस्या का निपटारा करते हए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था. 05 अगस्त को राम मंदिर की नीव रखी गई थी. इस कार्यक्रम में भी पीएम मोदी शामिल हुए थे. अब जब राम मंदिर में “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह संपन्न हो गया है, ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं राम मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें. जानिए कुछ दिलचस्प जानकारियां…
हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल
अयोध्या स्थित राम मंदिर को हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. बता दें कि धार्मिक मान्यतानुसार अयोध्या प्रभु श्रीराम का जन्मस्थान है. यही वजह है कि इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है. बता दें कि हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए राम अराध्य हैं.
2020 में रखी गई थी आधारशिला
राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला 05 अगस्त 2020 को रखी गई थी. इसी के साथ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश में उल्लास का माहौल छा गया. आस्था की प्रतीक अयोध्या नगरी में उत्सव शुरू हो गए थे.
कौन करता है राम मंदिर का प्रबंधन?
जानकारी दें कि अयोध्या के राम मंदिर का प्रबंधन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया जाता है. राम मंदिर से जुड़ी हर एक जानकारी संस्था अपने एक्स हैंडल पर देती है. ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गुरुदेव गिरि जी महाराज द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राम मंदिर निर्माण में लगभग 1100 करोड़ रुपये का खर्च अब तक हो चुका है. माना जा रहा है कि कुल मिला कर राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपये लगेंगे.
जानिए अन्य रोचक तथ्य
जो जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने दी है, उसके अनुसार मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. राम मंदिर की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी. इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे होंगे, पांच मंडप या हॉल हैं, और उनके नाम नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप हैं.
मंदिर में प्रवेश पूर्व की ओर से होगा. भक्तों को मंदिर में जाने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी. साथ ही दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट की भी व्यवस्था है.सबसे खास बात है कि मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार के लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
ये रही अन्य जानकारी
मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. चारों कोनों को सूर्य देवता, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव को समर्पित किया गया हैं. बता दें कि मां अन्नपूर्णा का मंदिर उत्तरी ओर है और हनुमान मंदिर दक्षिण की ओर है. अयोध्या स्थित राम मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया था. इससे इसे कृत्रिम चट्टान का रूप मिलेगा. इसी के साथ जमीन की नमी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है. इस मंदिर के निर्माण में पूर्ण रूप से स्वदेशी तरीका आजमाया गया है, जिसमें पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि राममंदिर के निर्माण में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अनुमान लगाया था कि ₹1,800 करोड़ खर्च होंगे. यह अनुमान वर्ष 2022 में लगाया गया था. पिछले साल अक्टूबर में एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी सामने आई कि ट्रस्ट ने 5 फरवरी, 2020 और 31 मार्च, 2023 के बीच अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर 900 करोड़ रुपये खर्च किए.
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