Amit Shah On Emergency: आपातकाल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर बोला हमला, कहा- “देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर…”

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

49 Years Of Emergency: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल की 49वीं बरसी पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया. एक्स पर पोस्‍ट करते हुए अमित शाह ने लिखा, देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है. साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे. आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया था. आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया था और भारत के संविधान को रौंद दिया था.  जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा जीवित है जिसने इसे लगाया था. वे अपने दिखावे के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत के लोगों ने उनकी हरकतों को देख लिया है. इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार कांग्रेस को नकार दिया है.

पीएम मोदी आगे लिखा- आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है. ये वही लोग हैं, जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 थोपा, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया. सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया. कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया और परेशान किया गया. सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं.

 21 महीने लगा था आपातकाल

देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लागू था. बता दें कि ये आपातकाल 21 महीने की अवधि के लिए लगा था. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी.

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