Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में सैकड़ो साल पुराना एक शिलालेख मिला है. यह शिलालेख डेकनकोंडा गांव के एक व्यक्ति को मिला है. इस शिलालेख पर 13वीं शताब्दी की लिपि अंकित है. पुरातत्व विभाग से जुड़े लोगों ने बताया कि यह शिलालेख नागा शासन के दौरान का है. हालांकि, इससे पहले से भी इस जिले में सालों पुराने शिलालेख मिले हैं.
800 साल पुराना शिलालेख
शिलालेख को 800 साल पुराना बताया जा रहा है. प्रकाशम जिले के कुरिचेडु मंडल में डेकनकोंडा में एक ग्रामीण कुरंगी नागेश्वर राव को श्री सुब्रह्मण्येश्वर स्वामी मंदिर के पास ये नागा शिलालेख मिला है. नागेश्वर राव ने यह सोचकर कि एक प्राचीन शिलालेख है, उसकी तस्वीरें लीं और इस शिलालेख को रिसर्चर टूरिमेला श्रीनिवास प्रसाद को भेज दीं.
13वीं शताब्दी का यह नागा शिलालेख
जांच करने पर पुष्टि की गई कि यह नागा शिलालेख 13वीं शताब्दी का है. सिद्धि के राजा थिम्मराजू के मंदिर के पास भोग मंडपम के निर्माण के अवसर पर इस शिलालेख की स्थापना की गई थी. तब इस क्षेत्र में नागा शासन था. इस शिलालेख पर नागा शासन और सुब्रह्मण्येश्वर स्वामी के मंदिर का जिक्र किया गया है.
पहले भी मिल चुके हैं शिलालेख
पिछले कुछ दिनों से प्रकाशम में हर जगह नागा शासन के समय के शिलालेख सामने आ रहे हैं. हाल ही में विजयनगर शासकों का एक शिलालेख मिला था. प्रकाशम जिले के बेसिनपल्ली-चेरुकुपल्ली गांवों के बीच एक ही पत्थर से निर्मित श्री वीरांजनेय स्वामी मंदिर में 15वीं शताब्दी के दौरान बना एक शिलालेख मिला.
हाल ही में, कुरिचेडु मंडल के डेकनकोंडा गांव में श्री सुब्रह्मण्येश्वर स्वामी मंदिर के पास एक और नागा शासन के दौरानप का शिलालेख सामने आया है. इस नागा शिलालेख पर 13वीं शताब्दी की लिपि अंकित है. हिस्ट्री रिसर्चर के अनुसार, नागा शिलालेख मंदिर के पास भोग मंडपम के निर्माण के दौरान बनाया गया था.
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