सुगम्य भारत अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देश को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दिसंबर 2015 को इस अभियान की शुरुआत की थी. मंगलवार (3 दिसंबर) को सुगम्य भारत अभियान के 9 साल पूरे होने पर, सोशल मीडिया मंच एक्स पर ‘मोदी आर्काइव’ ने दिव्यांग दीया गोसाईं और पीएम मोदी को उनके प्रस्ताव की दिल को छू लेने वाली घटना साझा की.
मोदी आर्काइव (Modi Archive) चित्रों, वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग, पत्रों, अखबार की कटिंग और ऐसी अन्य सामग्री के माध्यम से पीएम मोदी (PM Modi) की जीवन यात्रा के बारे में जानकारी देता है. एक्स पर अपने वीडियो पोस्ट में, 20 वर्षीय दीया गोसाईं की आंखें तब चौड़ी हो गईं जब उन्होंने लिफाफे पर एक प्रतीक देखा– यह प्रधानमंत्री कार्यालय का एक पत्र था. जैसे ही उसने पत्र पढ़ा, वह भावनाओं से अभिभूत हो गईं.
प्रधानमंत्री मोदी का पत्र
पीएम मोदी के पत्र की शुरुआत हुई, “वडोदरा रोड शो के दौरान आपसे सुंदर तस्वीर उपहार के रूप में प्राप्त करना एक अवर्णनीय आनंद था.” वीडियो में, दीया 28 अक्टूबर को वापस वडोदरा ले जाती है. जहां भीड़ के बीच उन्होंने पीएम मोदी और स्पेनिश पीएम सांचेज को उनकी तस्वीर दी थी. इस उम्मीद पर कि नेताओं का ध्यान इस पर जाएगा. दोनों नेता भी अपने वाहन से बाहर निकले और अपने स्कैच प्राप्त करने के लिए उनकी ओर चले गए.
पीएम मोदी ने आशा व्यक्त की थी कि वह उसी समर्पण और परिश्रम के साथ कला में योगदान देती रहेंगी. उन्होंने अपने परिवार को दीपावली और विक्रम संवत नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं. पीएम द्वारा प्रोत्साहन के शब्द पढ़कर दीया का हृदय गर्व से भर गया.
सुगम्य भारत भारत यात्रा के 9 साल
पीएम मोदी ने दीया गोसाईं के लिए लिखा, “मुझे विश्वास है कि हमारे युवा विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएंगे. दीया ने खुशी और भावना से भर कहा, “मुझे हमारे देश की यात्रा का एक छोटी सी योगदानकर्ता, एक विनम्र हिस्सा होने पर बहुत गर्व महसूस होता है.” पोस्ट का अंत “सुगम्य भारत भारत यात्रा के 9 साल” हैशटैग के साथ हुआ. सुगम्य भारत अभियान भारत के दिव्यांग समुदाय की सेवा करने का एक कार्यक्रम है. यह प्रमुख कार्यक्रम विकलांग-अनुकूल भवनों और मानव संसाधन नीतियों के डिजाइन को मापने के लिए एक सूचकांक के साथ आता है. इस पहल की शुरुआत पीएम मोदी ने 3 दिसंबर, 2015 को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर की थी.