हाल ही में खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) ने महाकुंभ को निशाना बनाने की धमकी दी है. सोशल मीडिया पर पन्नू का यह बयान काफी वायरल हुआ है, जिसमें वह महाकुंभ के प्रमुख स्नान तिथियों- 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को बाधित करने की धमकी देता दिखाई दे रहा है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पन्नू की इस धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इसे समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश बताया है. उन्होंने पन्नू की धमकी को गंभीरता से न लेने की बात करते हुए कहा, “पन्नू जैसे पागल सैकड़ों बार देखे हैं. अगर वह हमारे महाकुंभ में घुसने की कोशिश करता है, तो उसे मार-मारकर भगाया जाएगा. यह माघ मेला है, जहां सिख और हिंदू सभी एक हैं, और पन्नू की बातें बिल्कुल भी उचित नहीं हैं.”
पुरी ने आगे कहा, “पन्नू द्वारा समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिशें बेबुनियाद हैं. सिख समाज ने हमेशा सनातन धर्म को बचाए रखा है. उन्होंने कहा कि हम पन्नू की बातों को गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि वह हमेशा सनातन धर्म पर हमले करने की कोशिश करता रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि पन्नू की हरकतें बेमानी हैं और उसकी बातें देश में तनाव बढ़ाने के लिए होती हैं.
पन्नू के आतंकवाद से संबंधित जानकारी
बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस संगठन का प्रमुख है और वह अक्सर भारत विरोधी बयान देता है. उसे भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है, क्योंकि वह खालिस्तान के नाम पर लोगों को भड़काने का काम करता है.