केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों यानि कि एम-पैक्स की शुरुआत की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने कहा, अगले पांच वर्षों के भीतर 2 लाख ऐसी नई समितियों की स्थापना करने का सरकार का लक्ष्य देश भर में ‘हर पंचायत में सहकारी समितियों की उपस्थिति’ के दृष्टिकोण के तहत तय समय से पहले हासिल किया जाएगा. नए M-PACS, जिसमें ऋण समितियों के साथ-साथ डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियां शामिल हैं, खाद, गैस, उर्वरक और पानी के भंडारण और वितरण समेत 32 गतिविधियों में लगे रहेंगे, जिससे वे अधिक बहुमुखी और प्रभावी बनेंगे.
ससे वे अधिक बहुमुखी और प्रभावी बनेंगे.
अमित शाह ने कहा, एक बार 2 लाख PACS का लक्ष्य हासिल हो जाने पर, यह आवश्यक कृषि संसाधनों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने और मजबूत फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज के माध्यम से किसानों की उपज को वैश्विक बाजारों में निर्बाध एकीकरण की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस दौरान पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर शाह ने किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और 10 नई सहकारी समितियों को माइक्रो-एटीएम वितरित किए. अमित शाह ने आगे कहा, हर प्राथमिक डेयरी को जल्द ही एक माइक्रो-एटीएम से लैस किया जाएगा और ये उपकरण किसानों को कम लागत वाले ऋण तक पहुंचने में सक्षम बनाएंगे, जिससे वित्तीय समावेशन और समर्थन की सुविधा मिलेगी.
एनडीडीबी 56,500 नई समितियां करेगा स्थापित
उन्होंने कहा, Nabard पहले चरण में 22,750 और दूसरे चरण में 47,250 PACS बनाएगा, जबकि एनडीडीबी 56,500 नई समितियां स्थापित करेगा और 46,500 मौजूदा समितियों को मजबूत करेगा. इसके अलावा एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियों का निर्माण करेगा, जबकि 5,500 मौजूदा समितियों को सशक्त बनाएगा. राज्य सहकारी विभाग भी 25,000 PACS बनाएंगे. PACS के चल रहे आधुनिकीकरण प्रयासों के बारे में शाह ने कहा कि इससे परिचालन दक्षता में सुधार होगा और महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होगा.