भारत में एप्पल आईफोन का उत्पादन FY24-25 में सालाना आधार पर 60% बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह जानकारी इंडस्ट्री डेटा से मिली. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कुल उत्पादन में से, एप्पल ने भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया है. अमेरिका-चीन टैरिफ वार छिड़ने के साथ ही भारत में एप्पल के उत्पादन में और तेजी आने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप निर्यात में भी इजाफा देखने को मिल सकता है.
भारत में निर्मित स्मार्टफोन पर अमेरिकी शुल्क काफी कम है, इस कारण से एप्पल जैसी कंपनियों के लिए देश में उत्पादन बढ़ाना चीन के मुकाबले अधिक फायदेमंद होगा. इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक, भारत का स्मार्टफोन निर्यात 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) के 11 महीनों में 1.75 लाख करोड़ रुपये (21 बिलियन डॉलर) को पार कर गया, जो 2023-24 की इसी अवधि के इसी आंकड़े से 54% अधिक है.
तमिलनाडु में स्थित एप्पल के आईफोन का उत्पादन करने वाली फॉक्सकॉन यूनिट की निर्यात में हिस्सेदारी करीब 70% थी, वहीं, विदेशी शिपमेंट में 50% की हिस्सेदारी थी. पिछले वित्त वर्ष में फॉक्सकॉन की आईफोन फैक्ट्री के निर्यात में करीब 40% से अधिक की बढ़त देखने को मिली है. अन्य 22% आईफोन का निर्यात वेंडर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से आया, जिसने कर्नाटक में विस्ट्रॉन स्मार्टफोन फैक्ट्री का अधिग्रहण किया है.
अन्य 12 प्रतिशत निर्यात खेप तमिलनाडु में पेगाट्रॉन सुविधा से आया, जिसमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने जनवरी के अंत में 60% हिस्सेदारी हासिल की। दो ताइवानी कंपनियों के अधिग्रहण के साथ, टाटा समूह देश में आईफोन का एक प्रमुख उत्पादक बनकर उभरा है. दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग की कुल निर्यात में हिस्सेदारी 20% के करीब है. वैष्णव ने पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 2024-25 के दौरान स्मार्टफोन निर्यात 20 अरब डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा, लेकिन वित्त वर्ष 25 के 11 महीनों में ही यह अनुमान पार हो गया है. केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम के कारण देश के निर्यात को बढ़ावा मिला है और वहीं, आयात में कमी आई है। मौजूदा समय में देश में उपयोग होने वाले 99% से ज्यादा स्मार्टफोन घरेलू स्तर पर बनाए जा रहे हैं.