Assam: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद से ही हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए है. हिंदुओं के प्रति बढ़ते अत्याचार को देखते हुए भारत के कई इलाकों में विरोध किया जा रहा है. बांग्लादेश की सीमा से लगे असम के जिलों में भारी विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आईं.
वहीं अब बराक घाटी के होटल और रेस्तरां ने अब बांग्लादेशी ग्राहकों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. व्यापारियों का कहना है कि जब तक अल्पसंख्यकों समुदायों के लोगों पर हमले बंद नहीं हो जाते हैं, तब तक किसी भी बांग्लादेशी की कोई मदद नहीं की जाएगी.
क्या बोले होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के लोग?
बराक घाटी होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबुल राय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. इसे हम किसी भी तरह से स्वीकार नहीं कर सकते हैं. इसलिए हमने फैसला किया है कि जब तक वहां कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता, हिंदुओं पर हिंसा बंद नहीं होता, तब तक हम बराक घाटी के तीनों जिलों में पड़ोसी मुल्क के किसी भी नागरिक को अपने यहां नहीं रखेंगे.
बाबुल राय ने कहा कि हमारे विरोध जताने का यही तरीका है. उन्होंने कहा बांग्लादेशियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में स्थिरता लौट आए. अगर स्थिति में सुधार होता है, तभी हम अपने फैसले पर पुनर्विचार कर पाएंगे.
त्रिपुरा में होटल और अस्पताल भी लगा चुका प्रतिबंध
बता दें कि पिछले दिनों त्रिपुरा में ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने बांग्लादेशियों को रेस्तरां में खाना सर्व करने से इनकार कर दिया था. यह फैसला होटल और रेस्टोरेंट के सदस्यों की मीटिंग के बाद लिया गया. इससे पहले, आईएलएस अस्पताल ने ऐलान किया था कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में वहां के किसी भी मरीज का इलाज नहीं करेगा.
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