Babasaheb Ambedkar Mahaparinirvan Divas: भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था और मृत्यु 6 दिसंबर, 1956 को हुई थी, भारतीय समाज के एक महान नेता, समाजशास्त्री, विचारक, न्यायशास्त्री और संविधान निर्माता थे. वे भारतीय संविधान के प्रमुख संरचनाकार थे और भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष भी रहे थे.
उनकी पुण्यतिथि, जिसे महापरिनिर्वाण दिन के रूप में मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी मुख्य बातें.
असमानता और शोषण के खिलाफ लड़ी लड़ाई
डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने समाज में न्याय, समानता और विशेषता के लिए लड़ा. साथ ही उन्होंने भारतीय समाज में समाजिक और आर्थिक समानता को प्रोत्साहित किया. बाबा साहेब ने विभाजन, असमानता और शोषण के खिलाफ दलितों के हक की लड़ाई लड़ी. उनके विचार और योगदान ने समाज में विशेष बदलाव लाया. उन्हें ‘भारतीय संविधान के प्रणेता’ के रूप में जाना जाता है.
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जातिवाद और लिंग भेद के खिलाफ
अंबेडकर ने भारतीय संविधान को तैयार करने के साथ ही भारतीय समाज में अनेक समाजिक सुधारों की मांग की. जैसे शिक्षा, आर्थिक समानता, जातिवाद और लिंग भेद के खिलाफ उन्होंने समर्थन दिया. उन्होंने भारतीय समाज को समानता, न्याय और समरसता की दिशा में अग्रसर करने के लिए कई कदम उठाए.
महान विचारक और समाजसेवी
भारतीय समाज में उनका योगदान और उनकी विचारधारा आज भी महत्त्वपूर्ण है और उन्हें भारतीय समाज के समर्थक और महान नेता के रूप में स्मरण किया जाता है. वह दलितों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले महान नेता थे. उनकी मृत्यु के बाद, भारतीय समाज में उन्हें एक महान विचारक, समाजसेवी, और अधिकारों के प्रणेता के रूप में याद किया जाता है.