Bharat Express की खबर का जनता पर जबरदस्त असर, लगातार आ रही M3M के खिलाफ बायर्स की शिकायतें

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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बिल्डर M3M की काली करतूतों का भारत एक्सप्रेस चैनल ने पर्दाफाश कर दिया है. चैनल ने आपको बताया कि कैसे जमीन और बिल्डिंगों की खरीद-बिक्री के नाम पर सैंकड़ों करोड़ों की हेराफेरी हुई. कैसे M3M की जालसाजी और धोखाधड़ी का चैनल ने पर्दाफाश किया. चैनल द्वारा M3M की धोखाधड़ी की खबर चलाए जाने के बाद लोगों पर जबरदस्त असर भी हुुआ.

खबर चलाए जाने के बाद बड़ी संख्या में खरीदारों ने भारत एक्सप्रेस को मैसेज वीडियो के जरिए अपना दर्द बयां किया. चैनल ने अपने पड़ताल में पाया है कि M3M ग्रुप एक खौफ का सम्राज्य चला रहा है. इनके निदेशकों ने बायर्स से पैसे लेकर भी उनको प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं दे रहे हैं. यही नहीं बायर्स ने जब आवाज उठाई तो उनको बॉउंसर्स से पिटवाया. बायर्स M3M को लेकर बेहद डरे हुए हैं और ये आशंका जता रहे हैं कि अगर वो कैमरे पर आए तो उनकी हत्या हो सकती है. खरीदारों को अब भी हत्या का डर सता रहा है.

काले कारनामें

M3M ग्रुप के काले कारनामों की फेहरिस्त काफी लंबी है. गुरुग्राम में पिछले साल जनवरी में शिकायतकर्ता दीपक गुप्ता और मनदीप ढींगरा ने एफआईआर संख्या 308/2024 धारा 409,420,120बी आईपीसी के तहत पुलिस स्टेशन आईएमटी मानेसर, गुरुग्राम में ओरियन क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड (ओसीएल) के सुधीर ढींगरा, पवन गर्ग, M/S M3M इंफ्रास्ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

FIR में आरोप है कि दोनों पक्षों ने मानेसर स्थित 158 एकड़ जमीन का सौदा 485 करोड़ रुपए में तय किया. कथित कंपनी ने पहले से ही उक्त भूमि पर लोन की सुविधा प्रदान की थी, इसलिए बैंकरों और दोनों पक्षों की सहमति से एक समझौता एक्सीक्यूट किया गया और शिकायतकर्ता ने कथित कंपनी के लोन खाते में टोकन के रूप में 10 करोड़ रुपये जमा किए. लेकिन उन्होंने नियमों और शर्तों का पालन नहीं किया. संबंधित बैंक ने शिकायतकर्ता की 10 करोड़ की राशि वापस कर दी, लेकिन उन्होंने उसे भुनाया नहीं.

M3M ग्रुप को 423 करोड़ रुपये में बेची गई जमीन

कथित कंपनी ने इस जमीन को M3M ग्रुप को 423 करोड़ की रकम में बेच दिया. EoW-1 गुरूग्राम द्वारा मामले की जांच की गई और मामला सिविल प्रकृति का पाया गया. शिकायतकर्ता ने कोर्ट के समक्ष भी याचिका दायर की थी, जिसे कानून द्वारा वर्जित टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया गया है. राज्य अपराध शाखा, हरियाणा ने मामले की जांच की और FIR दर्ज करने की सिफारिश की. इसकी जांच एससीबी यानी स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा द्वारा की जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक M/S M3M इंफ्रास्ट्रकचर Pvt Ltd द्वारा423 करोड़ में हासिल की गई इस विवादित संपत्ति की डील में कद्देवर राजनेताओं की विशेष नजरें इनायत रही हैं. भारत एक्सप्रेस सत्य साहस और समर्पण के साथ सच सामने ला रहा है और पीड़ितों की आवाज बन रहा है. ऐसे ही एक पीड़ित ने एक वीडियो मैसेज के जरिए अपील की है कि उनकी प्रॉपर्टी वापस दिलाई जाए.

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