उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का श्रेय देवतुल्य जनता ​को जाता है, भारत एक्सप्रेस के मंच पर बोले CM धामी

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bharat Express Uttarakhand Conclave: शुक्रवार को देहरादून में भारत एक्सप्रेस की ओर से ‘नये भारत की बात, उत्तराखंड के साथ’ नामक कॉन्क्लेव हो रहा है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए. इस दौरान एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, एमडी और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय ने यूनिफॉर्म सिविल कोड समेत विभिन्न मुद्दों पर उनसे सवाल-जवाब किया.

समान नागरिक संहिता या यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है, इसे लागू करना कितना चुनौतीपूर्ण रहा, इस सवाल के जवाब में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘देश की आजादी के बाद हमारी पार्टी का ये संकल्प था कि देश के अंदर यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर समेत सभी लोग जब संविधान का निर्माण कर रहे ​थे, तब प्रावधान किया गया था कि राज्य इसको अपने यहां लागू कर सकते हैं.’

यूनिफॉर्म सिविल कोड
उन्होंने कहा, ‘2022 में जब उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव था, हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसमें शामिल हुए और उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के सामने हमने ये संकल्प रखा था कि नई सरकार का गठन होते ही हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कार्रवाई शुरू करेंगे. इसके बाद हमने कमेटी बनाई. कमेटी ने 2 लाख 35 हजार लोगों से संवाद किया. इसके बाद कमेटी ने ड्राफ्ट का निर्माण कर हमें सौंपा. उसके बाद सबकी जो भावना थी, जो सुझाव थे, उसके अनुरूप विधानसभा में विधेयक हमने पारित किया. माननीय राष्ट्रपति महोदय को भेजा और उन्होंने हमें इसकी स्वीकृति दी.’

जनता को दिया श्रेय
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ‘सच बताऊं तो देश की आजादी के बाद उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का जो श्रेय जाता है, वो यहां की देवतुल्य जनता ​को जाता है. उत्तराखंड में एक मिथक था कि हर पांच साल पर चुनाव होते हैं और सरकार बदल जाती है, क्योंकि राज्य स्थापना के 22वें साल में चुनाव हो रहा था, इससे पहले चार चुनाव हो चुके थे और पहली बार यहां की जनता में मिथक तोड़ा और इतिहास बदल दिया.’

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