Bihar Politics: बिहार के शिक्षामंत्री एक बार फिर से अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. बिहार के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने इस बार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर कमेंट किया है. उन्होंने कहा कि मंदिर गुलामी का रास्ता है और शिक्षा प्रकाश का रास्ता. इस बयान के बाद से बिहार ही नहीं देश में राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है. बिहार के शिक्षामंत्री यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि आज चद हिंदूवाद से सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने यहां तक कह डाला जो मंदिर का स्थल निर्धारित किया गया है, वह निश्चित तौर पर शोषण का स्थल बनाया गया है. ये चंद षड्यंत्रकारियों की जेब भरने का जरिया है.
मंदिर लूटने और लूटाने की जगह: प्रोफेसर चंद्रशेखर
मंदिर को लेकर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि मंदिर लूटने और लूटाने की जगह होती है. चोट लगने पर कोई भी हॉस्पिटल जाएगा, कोई मंदिर नहीं जाएगा. ठीक उसी तरह अगर आपको ज्ञान अर्जित करना है, पढ़ लिखकर बड़ा अधिकारी या होशियार बनना है तो विद्यालय जाना होगा. मंदिर जाने से कुछ नहीं होगा. इसी के साथ शिक्षा मंत्री ने डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह के हिंदू देवी- देवताओं को लेकर दिए जा रहे बयान का भी समर्थन किया.
सावित्रीबाई फुले के पंक्तियों को दोहरा रहे
इस बयान के साथ ही बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह विधायक फतेह बहादुर सिंह माता सावित्रीबाई फुले के पंक्तियों को दोहरा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सावित्रीबाई फुले ने कहा था कि मंदिर गुलामी का रास्ता है. आपको बता दें कि उक्त बातें उन्होंने डेहरी में सावित्रीबाई फुले की जयंती समारोह में कहीं. इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री आलोक मेहता और अति पिछड़ा कल्याण मंत्री अनीता देवी भी पहुंची थी.
अपने संबोधन के दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा आहुति नहीं देगा. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि षड्यंत्रकारी याद रखें कि बहुजन समाज के लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समंदर बन जाएगा. विरोधी सात समंदर पार खड़े नजर आएंगे.
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