‘किसी गलतफहमी या मुगालते में नहीं रहें…’, बोले ललन सिंह- ‘जंगलराज के पुरोधा हैं लालू यादव’

Shivam
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Bihar Politics: जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने इस साल लोकसभा चुनाव में जीत के ठीक बाद कहा था कि वह अल्पसंख्यक का कोई काम नहीं करेंगे. यह इसलिए कि उन्होंने वोट नहीं दिया था. लंगट सिंह कॉलेज के मैदान में आयोजित जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी यही बात दोहराई. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा, किसी गलतफहमी या मुगालते में नहीं रहें. अल्पसंख्यक समुदाय के लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं करते.

नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक नहीं देते वोट

उन्‍होंने आगे कहा, अल्पसंख्यक समाज के नेता अभी भाषण दे रहे थे. वर्षों पहले अल्पसंख्यक समाज के लोगों की क्या स्थिति थी. मदरसा में तीन-चार हजार रुपये में शिक्षक काम करते थे. आज 7वां वेतन प्राप्त कर रहे हैं. बेहतर जीवन जी रहे हैं. यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद से सुधार हुआ है, लेकिन आज भी अल्पसंख्यक समाज के लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं. इस गलतफहमी में नहीं रहिएगा कि अब देते हैं, पहले नहीं देते थे. वोट उसको देते हैं, जो एक छटांक का काम भी अल्पसंख्यक समाज के लोगों के लिए नहीं करता, यह चिंता की बात है.

नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगले वर्ष बनेगी एनडीए की सरकार

राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कार्यकताओं को संबोधित करते हुए आगे कहा, महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा को जनता ने प्रचंड बहुमत दिया है. इससे अधिक बहुमत से बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मिलेगा. उनके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी. राजीव रंजन ने कहा, बिहार में हुए उपचुनाव के परिणामों ने बता दिया कि बिहार की जनता सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है. अब जनता लालटेन युग में जाने के लिए तैयार नहीं है, जिसका उदाहरण बेलागंज चुनाव है.

जंगलराज के पुरोधा हैं लालू यादव- ललन सिंह

ललन सिंह ने आगे कहा, जनता अब जंगलराज के युवराज को पूरी तरह नकार चुकी है. लालू प्रसाद यादव को जंगलराज का पुरोधा बताते हुए उन्‍होंने कहा, आजादी के बाद यह पहली और आखिरी ऐसी युगलबंदी है, जिसमें केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. इसे लोग वर्षों तक विकास के लिए याद रखेंगे. सत्ताधारी दल की भूमिका में रहे, लेकिन आम जनता के बीच सत्ता विरोधी लहर क्या होती है. इस शब्द को ही इस युगलबंदी ने विलुप्त कर दिया.

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