पटनाः सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण नीति पर फिलहाल रोक लगा दी है. मंगलवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षा विभाग के सभाकक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सक्षमता परीक्षा का पांचवे चरण समाप्त होने के बाद स्थानांतरण नीति पर विचार किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर नीति को संशोधित भी किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि शिक्षक-शिक्षिकाओं व उनके संगठनों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के बाद सरकार ने स्थानांतरण नीति पर फिलहाल रोक लगाई है.
इसमें परेशानी यह हो रही थी कि जो लोग सक्षमता परीक्षा देने वाले हैं, उनके साथ अन्याय हो जाएगा. इसलिए यह तय किया गया है कि सक्षमता परीक्षा के सभी पांचवे चरण के पूरा होने तक स्थानांतरण नीति को लागू नहीं किया जाएगा.
आवश्यकता पड़ने पर स्थानांतरण नीति में होगा संशोधनः शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि स्थानांतरण नीति पर रोक लगने के बाद सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षक उसी विद्यालय में अपना योगदान देंगे, जहां वे काम कर रहे हैं. नीति में संशोधन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असहाय व महिलाओं के बारे में कई तरह के आवेदन आए हैं, जिस पर विचार किया जा रहा.
आवश्यकता पड़ने पर स्थानांतरण नीति में संशोधन भी किया जा सकता है. कुछ लोगों ने इस संबंध में मुलाकात भी की है. सक्षमता परीक्षा नहीं देने वाले शिक्षकों के बारे में एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अलग से कमेटी का गठन किया जाएगा.
पटना हाईकोर्ट द्वारा स्थानांतरण पर रोक लगाए जाने के संबंध में दिए गए निर्णय पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक उन्हें सूचना है कि स्थानांतरण नीति पर न्यायालय ने रोक नहीं लगाई है. स्थानांतरण पर रोक को लेकर कुछ शिक्षक कोर्ट गए थे. उनके बारे में न्यायालय ने निर्णय लिया है. वैसे विभाग पूरे निर्णय का अध्ययन करेगा.
बुधवार को 1.14 लाख शिक्षकों को दिया जाएगा नियुक्ति पत्र
सक्षमता परीक्षा पास 1.14 लाख शिक्षकों को बुधवार को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. अब वे सरकारी शिक्षक हो जाएंगे. अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में कुछ शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद नियुक्ति पत्र देंगे. शेष शिक्षकों को जिले में नियुक्ति पत्र वितरित किया जाएगा.
नियोजित शिक्षकों की पूर्व की सेवा अवधि की गिनती होगी या नहीं, इस बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में फिलहाल कोई निर्णय नहीं है. जिस दिन से वे सरकार की सेवा में आएंगे, उसी दिन से उनकी सेवा की गिनती होगी.