White Paper in Lok Sabha: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में श्वेत पत्र रखा. ये श्वेत पत्र यूपीए गठबंधन के शासन के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर है. लोकसभा में श्वेत पत्र लाने की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान दी थी.
एनडीए सरकार श्वेत पत्र के माध्यम यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर जानकारी देगी. लोकसभा में लाए गए श्वेत पत्र के माध्यम से भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा. इतना ही नहीं तत्कालीन आर्थिक बदहाली के समय उस समय उठाए जा सकने वाले सकारात्मक कदमों के असर के बारे में भी इस श्वेत पत्र में बात की जाएगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में 'भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र' की एक प्रति सदन के पटल पर रखी। pic.twitter.com/eRuNWVLyvh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2024
क्या है श्वेत पत्र लाने की वजह
जानकारी दें कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को लेकर श्वेत पत्र ला रही है. इस श्वेत पत्र के माध्यम से केंद्र की एनडीए सरकार यह बताने की कोशिश कर रही है कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्वेत पत्र का मकसद उन 10 वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है. बता दें कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 में देश में एनडीए की सरकार बनी थी. उससे पहले देश में 10 सालों तक यूपीए की सरकार थी. 2004-14 तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे.
किसे कहते हैं श्वेत पत्र?
जानकारी के अनुसार श्वेत पत्र एक तरह का आधिकारिक बयान होता है, जो सरकार द्वारा संसद की पटल पर पेश किया जाता है. दरअसल, विपक्ष उस दौरान श्वेत पत्र की मांग करता है, जब उसे लगता है सरकार किसी मुद्दे पर पूरी बात नहीं बता रही. अमूमन कहा जाता है कि सरकार श्वेत पत्र में झूठ नहीं बोलती है. हालांकि श्वेत पत्र का कोई वैधानिक महत्व नहीं है.