BJP सांसद ने PM मोदी की ‘जाति’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता को दिखाया आईना, कहा- “झूठ फैलाना बंद करें राहुल गांधी”

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओबीसी जाति को लेकर कांगेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से दिए गए बयान पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. भाजपा के पलटवार के बाद अब गुजरात के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरहरि अमीन ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, “जब मैं कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम था, तभी सरकार ने इस बात को नोटिफाई किया था, कि मोध-घांची ओबीसी में आते हैं. पीएम मोदी का भी इसी मोध-घांची से संबंध है.”

लोगों से माफी मांगें Rahul Gandhi 

बीजेपी सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए ये जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि “राहुल गांधी ऐसे बयान देकर ओबीसी समाज का अपमान कर रहे हैं.” सासंद नरहरि अमीन ने आगे लिखा है कि “जब कांग्रेस सरकार ने 25 जुलाई 1994 को ये बताया था कि मोध-घांची ओबीसी में आते हैं, तब नरेंद्र मोदी न तो सासंद थे और ना ही विधायक. सीएम तो दूर की बात है. बीजेपी सांसद नरहरि अमीन ने राहुल गांधी से मांग की है कि वे अपने इस बयान पर तुरंत गुजरात के लोगों से माफी मांगें और झूठ फैलाना बंद करें. ” उन्होंने का, “जिस व्यक्ति को अपना गोत्र तक नहीं पता, वो आज एक गरीब परिवार और तेली समाज में जन्मे प्रधानमंत्री को OBC सर्टिफिकेट दे रहा है!”

राहुल गांधी ने Pm मोदी की जाति को लेकर दिया था बयान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्य पिछड़ा जाति (ओबीसी) समुदाय से नहीं हैं क्योंकि उनका जन्म सामान्य वर्ग में हुआ था. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के ओडिशा चरण के दौरान एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए, वायनाड सांसद ने कहा, “जब भी भाजपा कार्यकर्ता आपके पास आएं, तो उन्हें एक बात बताएं कि हमारे प्रधानमंत्री ने पूरे देश से झूठ बोला कि वह पिछड़े वर्ग से हैं. उनका जन्म पिछड़े वर्ग में नहीं हुआ, वह सामान्य जाति से हैं. यह बात आप हर भाजपा कार्यकर्ता को बताएं.”

BJP ने राहुल गांधी पर किया पलटवार

वहीं राहुल गांधी के पीएम मोदी की जाति वाले बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी का कहना है कि ये पूरी तरह से बेबुनियाद और सरासर झूठ है. पीएम मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था.”

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